कोलकाता, 6 जून । पश्चिम बंगाल की सख्त आईपीएस अधिकारी के तौर पर जानी जाने वाली दमयंती सेन को एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार ने मुख्य सेवा से हटाकर ट्रेनिंग में भेज दिया है। मंगलवार देर शाम राज्य पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया है कि कोलकाता पुलिस की स्पेशल कमिश्नर-टू के पद पर रहीं आईपीएस दमयंती सेन को ट्रेनिंग में एडीजी के पद पर तबादला कर दिया गया है। खास बात यह है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने दमयंती सेन को राज्य की कई जगहों पर नाबालिग बच्चियों से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा है। ऐसे में उनके तबादले पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दमयंती वही अधिकारी हैं जो ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनते ही उनकी आंखों में खटकने लगी थीं। इसकी वजह थी कि वर्ष 2012 में कोलकाता के सबसे पॉश इलाके पार्कस्ट्रीट में एक एंग्लो इंडियन युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। तब इस घटना की जांच दमयंती सेन कर रही थीं लेकिन मुख्यमंत्री ने बयान देकर कहा था कि यह घटना फर्जी है और इसे सजाया गया है। बावजूद इसके दमयंती सेन पीछे नहीं हटीं और जांच करते हुए न केवल अपराधियों को उन्होंने पकड़ा बल्कि उनकी आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है। उसके बाद से दमयंती सेन को ट्रेनिंग में भेज दिया गया था। बीच में उन्हें कोलकाता पुलिस का स्पेशल कमिश्नर बनाकर लाया गया था लेकिन एक बार फिर उन्हें ट्रेनिंग में भेज दिया गया है। ऐसे समय में जब राज्य में कई दुष्कर्म के मामलों में जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी के लोग आरोपित हैं।