कोलकाता, 9 मई । पश्चिम बंगाल के मशहूर साहित्यकार समरेश मजूमदार का अंतिम संस्कार कोलकाता के निमतला श्मशान घाट पर मंगलवार को संपन्न हो गया है। सोमवार शाम निधन के बाद मंगलवार दोपहर तक कोलकाता के श्यामपुकुर स्ट्रीट स्थित उनके घर पार्थिव शरीर को रखा गया था जहां विशिष्ट जनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। दिवंगत लेखक की बेटी डोयल मजूमदार ने कहा कि पिता आडंबर में विश्वास नहीं करते थे। इसलिए कोई धूमधाम और समारोह नहीं आयोजित किया गया। दोपहर करीब एक बजे निमतला श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
समरेश मजूमदार का सोमवार शाम साढ़े छह बजे बाईपास के पास एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। मृत्यु के समय वह 79 वर्ष के थे। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, लेखक को 25 अप्रैल को ब्रेन हेमरेज के कारण भर्ती कराया गया था। समरेश को पहले से ही सीओपीडी की समस्या थी। स्लीप एप्निया भी बढ़ जाता है। इसके बाद सोमवार शाम को उनका निधन हो गया। लेखक की पत्नी धीरा मजूमदार का 2021 में निधन हो गया था। समरेश का जन्म 1944 में उत्तर बंगाल के गोएरकाटा में हुआ था। समरेश लश्गा, कालबेला, कालपुरुष सहित कई लोकप्रिय उपन्यासों के लेखक हैं। वे साठ के दशक के प्रारंभ में कलकत्ता आए थे। स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बंगाली में ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। मजूमदार के निधन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि उनका जाना साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति है।