आसनसोल:- कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) पश्चिम बंगाल के चेयरमैन सुभाष अग्रवाला ने शुक्रवार कोलकाता सारांश को बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर उस लेनदेन को रोकने की मांग की है, जिसे ऐमज़ॉन द्वारा सीसीआई में दर्ज किया गया है जिसके जरिये वो क्लॉउडेल में 100% शेयर लेकर उसका अधिग्रहण करेगा ! कैट की याचिका कानूनी फर्म सर्वदा लीगल के वकील श्री अबीर रॉय के माध्यम से दायर की गई है, जिसमें ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जिनमें अमेज़ॅन अपने ई कॉमर्स पोर्टल पर क्लाउडटेल को वरीयता देता है और इस तरह की वरीयता इस अधिग्रहण के बाद भारत के ई-कॉमर्स बाजार को और अधिक अस्थिर करेगी तथा ई कॉमर्स बाजार बुरी तरह विषाक्त हो जायेगा !
कैट ने अपनी याचिका में कहा है की यह सर्वविदित है की क्लाउडटेल कम शुल्क अथवा कमीशन लेता है और ऐमज़ॉन के ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर एक तरजीही एवं पसंदीदा विक्रेता है जिसके माध्यम से ऐमज़ॉन अपने ई कॉमर्स पोर्टल पर सबसे ज्यादा माल बेचता है ! अब क्लॉउडेल के 100% अधिग्रहण के बात अमेज़ॅन पर और अधिक मनमानी करेगा जिसका प्रतिकूल प्रभाव अन्य विक्रेताओं पर पड़ेगा भारत के क़ानून एवं नियमों के अनुसार अमेज़ॅन को निष्पक्षऔर तटस्थ रहकर पूरी तरह से एक प्रौद्योगिकी प्रदान करने वाला प्लेटफार्म हिना चाहिए जो विक्रेताओं को ई-कॉमर्स के जरिये अपना सामन बेचने के लिए सुविधा प्रदान करे किन्तु अमेज़न ने देश के नियमों एवं कानूनों का उल्लंघन करते हुए पूरे ई कॉमर्स तंत्र को विषाक्त किया है जोन केवल प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन है बल्कि एफडीआई मानदंडों का भी उल्लंघन है।
अमेज़ॅन ने हॉबर मल्लो ट्रस्ट के सभी शेयरों का अधिग्रहण करके प्रियन को पूरी तरह से हासिल करने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में प्रियोन को हॉबर मलो द्वारा नियंत्रित किया जाता है। प्रियोन की शेयर पूंजी का छिहत्तर प्रतिशत (76%) हाबर मल्लो ट्रस्ट के पास है। ऐमज़ॉन एशिया पसिफ़िक रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के पास पहले से ही प्रीयोन की 23% शेयर पूंजी है, और ऐमज़ॉन होल्डिंग्स यूरेशिया प्रीयोन की शेयर पूंजी का 1% मालिक है। इस प्रकार अमेजॉन की वर्तमान स्तिथि में प्रीयोन में 24% हिस्सेदारी है।हॉबर मॉलो के शेयरों को प्राप्त करने सेअमेज़ॅन और इसकी संबद्ध संस्थाओं के पास प्रियन में 100% हिस्सेदारी होगी। क्लाउड्टेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (“क्लाउडटेल”) प्रियोन की 100% सहायक कंपनी है और वर्तमान में अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सबसे बड़ा विक्रेता भी है। इसलिए, प्रस्तावित संयोजन प्रतिस्पर्धा कानून के दृष्टिकोण से कुछ चिंताओं को उठाता है-कैट ने कहा।