कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हावड़ा नगर निगम में को दो हिस्सों में बांटने वाले प्रस्ताव संबंधित बिल के बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया है।
शनिवार को पत्रकारों से मुखातिब धनखड़ ने कहा, “पश्चिम बंगाल विधानसभा ने हावड़ा नगर निगम को दो भागों में विभाजित कर बाली नगर पालिका को अलग करने का फैसला किया है। मुझे विधेयक पर अंतिम निर्णय लेना है, लेकिन मैंने 24 नवंबर को पश्चिम बंगाल सरकार से विधेयक के बारे में कई सवाल पूछे थे जिसका कोई जवाब नहीं मिला है, मैं इसकी सराहना नहीं करता। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है कि ऐसी स्थिति में एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जानकारी नहीं आ रही है और दूसरी तरफ वह यह सार्वजनिक बयान दे रहे हैं कि राज्यपाल ने विधेयक को रोक रखा है। मैं उनसे ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं करता। मैं अध्यक्ष से आग्रह करूंगा कि वह अपने पद की गरिमा बनाए रखें। जो सूचना 24 नवंबर को राजभवन से मांगी गई है, उसे यथाशीघ्र उपलब्ध कराएं। “
धनखड़ ने आगे कहा, “मेरा मानना है कि प्रांत में शासन प्रणाली संविधान के अनुसार होनी चाहिए। यह कानून के शासन के अनुसार होनी चाहिए। मैं विधानसभा अध्यक्ष द्वारा हर समय दिए गए बयानों पर ध्यान नहीं देता। हमें उम्मीद है कि वह अपने कार्यालय की गरिमा का ख्याल रखेंगे।”
हावड़ा नगर निकाय चुनाव मई 2022 में होने की उम्मीद है।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि राज्यपाल ने हावड़ा नगर निगम विधेयक पर अभी हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
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बीएसएफ को लेकर ममता सरकार के रुख की आलोचना
– राज्यपाल ने सीमा सुरक्षा बल का क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के रुख के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सीमा सुरक्षा बल देश की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। अधिकार क्षेत्र के संबंध में, यह निर्णय लिया गया कि वे 50 किमी की सीमा में काम करेंगे। फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 15 किमी की सीमा के बारे में क्यों बात करती हैं? वह बीएसएफ और पुलिस के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश क्यों कर रही हैं?