निकाय चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग पर अड़ी भाजपा, कोर्ट और आयोग के पास अर्जी

 

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में  कोलकाता नगर निगम चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल तृणमूल और विपक्षी पार्टी भाजपा एक बार फिर आमने-सामने हैं। 19 दिसंबर को राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर भाजपा केंद्रीय बल की तैनाती की मांग पर अड़ गई है। निगम की 25 फीसदी बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग की है। इस बाबत भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और राज्य चुनाव आयोग को भी ज्ञापन सौंप कर यही मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में शुभेंदु अधिकारी, प्रताप बनर्जी, अग्निमित्रा पॉल, शिशिर बजौरिया सहित शामिल थे।
पार्टी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी एक अर्जी लगाकर चुनावों के पहले केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है। यह याचिका सांसद और पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने दाखिल की है। वकील मेनका गुरुस्वामी ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा से दायर याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “चुनाव में केंद्रीय बल की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है और राज्यपाल से भी हस्तक्षेप की अपील की गई है। चुनाव में वीवीआईपीएटी के साथ ईवीएम का प्रयोग करें। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।” उन्होंने कहा, ” आयोग को राज्य और कोलकाता पुलिस पर भरोसा है लेकिन हमें नहीं है। उम्मीदवारों को सुरक्षा दी जानी चाहिए। आयोग को यह देखना होगा कि प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को सुरक्षा मिले। इसलिए जरूरी है कि केंद्रीय बल की तैनाती की जाए।”
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल राज्य चुनाव आयोग की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने फिर से राज्य चुनाव आयोग से रिपोर्ट मांगी है। उसके बाद उस पर विचार करेंगे। बंगाल में कोलकाता पुलिस दल दास में परिणत हो गई है, लेकिन भाजपा जमीन नहीं छोड़ने वाली है।

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