ढाका। बांग्लादेश में आगामी 16 दिसंबर को आयोजित होने वाले विजय दिवस कार्यक्रम में इस बार भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि हो सकते हैं। इधर बांग्लादेश में पाकिस्तान परस्त लोग राष्ट्रपति के इस दौरे पर हंगामे की फिराक में हैं ठीक उसी तरह जैसे गत 26 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बांग्लादेश दौरे पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और हंगामा किया था।
बीएनपी-जमात के नेता और कार्यकर्ता भारत के राष्ट्रपति की यात्रा पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दुष्प्रचार हो रहे हैं ताकि भारत के राष्ट्रपति की बांग्लादेश यात्रा को विफल किया जा सके। प्रशासन ने भी त्वरित कार्रवाई की मांग की है। बांग्लादेश इस्लामिक यूनिटी एलायंस के अध्यक्ष मिस्बाहुर रहमान चौधरी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार सर द डेली ऑब्जर्वर के संपादक इकबाल शोभान चौधरी ने बहुभाषी समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार से बात की है।
बांग्लादेश इस्लामिक यूनिटी एलायंस के अध्यक्ष मिस्बाहुर रहमान चौधरी ने भारत के राष्ट्रपति के आगमन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना खून बहा कर कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित करना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि चीन के उइगर प्रांत में हजारों मुसलमानों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मस्जिद को गिरा दिया गया है और वहां शौचालय का निर्माण किया गया है। लेकिन मौलाना रोनी समेत तथाकथित पाकिस्तान समर्थक जमात पंथ के बुद्धिजीवी चीन में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार पर खामोश हैं। उनकी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का सही तरीके से प्रबंधन किए बिना अपने फायदे के लिए आम लोगों को गुमराह करना बंद करना जरूरी है। भारत के राष्ट्रपति के दौरे को लेकर भ्रम फैलाने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की जरूरत है।
इकबाल शोभान चौधरी ने कहा कि पत्रकारों को भी कई मामलों में गिरफ्तार किया गया है। लेकिन सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों में भ्रम फैलाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं? देर हुई तो भारत के प्रधानमंत्री के 26 मार्च के दौरे के दौरान प्रदर्शन जैसे हालात बन सकते हैं। हमें पाकिस्तान परस्तों के प्रति सख्त होना होगा।
बांग्लादेश फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (बीएफयूजे) के महासचिव दीप आजाद ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि पत्रकार समुदाय डिजिटल सुरक्षा अधिनियम (आईसीटी) के खिलाफ है। सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी सूचना फैलाने और देश के आम लोगों में भ्रम और अशांति पैदा करने वालों के खिलाफ न केवल आईसीटी अधिनियम बल्कि सख्त कानून भी लागू करने की जरूरत है। उम्मीद है कि सोशल मीडिया के जरिए भारत के राष्ट्रपति के दौरे की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा।
बांग्लादेश पुलिस के अतिरिक्त आईजी (मीडिया) कमरुज्जमां ने कहा कि न केवल भारत के राष्ट्रपति बल्कि सोशल मीडिया के जरिए ऐसे वीआईपी के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। आरोपितों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।