वाराणसी। नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने सोमवार को कैंप कार्यालय पर जीआईएस, एमआईएस की समीक्षा की। इसमें 62 हजार से अधिक खाली प्लाट होने की जानकारी सामने आई। इसमें कई ऐसे प्लाट हैं जिसमें आंशिक तौर पर मकान भी बने हुए हैं जो गृहकर के दायरे से अब तक बाहर है।
ऐसे खाली प्लाट व आंशिक मकानों को नगर निगम प्रशासन ने चिन्हित किया गया है। हैदराबाद की फर्म साईएंट की ओर से कराए गए इस सर्वे रिपोर्ट को नगर आयुक्त ने वैरिफिकेशर कराने का निर्देश मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को दिया। इन भवनों के नंबर जारी किए जाएंगे। इनसे गृहकर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। फर्म ने नगर निगम के 90 वार्डों के 434 मोहल्लों में सर्वे किया है। इस दौरान पाया कि अधिकांश प्लाट खाली हैं जिसमें वरुणापार में संख्या ज्यादा है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 26 हजार ऐसे प्लाट हैं जिसमें कोई निर्माण नहीं हुआ है जबकि 3500 ऐसे प्लाट हैं जिसमें नया भवन बनकर तैयार हुआ है। वहीं, करीब तीस हजार ऐसे प्लाट हैं जिसमें आंशिक निर्माण हुआ है। वहीं कई जगहों पर नई सोसाइटी में भी नए भवन चिन्हित बनकर तन गए हैं। इसके कुछ मल्टी स्टोरी भवनों का निर्माण हुआ है। बैठक में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी, वरिष्ठ लेखा परीक्षक शशिकांत, पीआरओ संदीप श्रीवास्तव, प्रोग्रामर दिनेश दुबे, विद्या दुबे आदि थे।
नगर आयुक्त प्रणय सिंह के निर्देश पर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए जा रहे कैंप में दूसरे दिन 19 भवन स्वामियों की समस्याओं का निस्तारण कराया गया। कुल 2.65 लाख रुपये गृहकर के तौर पर जमा हुआ। 14 से 17 नवंबर तक आयोजित चार दिवसीय कैंप के दूसरे दिन भवन स्वामियों द्वारा कोतवाली जोन में चार, भेलूपुर जोन में 11 तथा वरुणापार जोन में चार आपत्तियां प्रस्तुत की गई। जोनल अधिकारी कोतवाली रामेश्वर दयाल द्वारा कर निरीक्षकों से तत्काल स्थलीय जांच कराते हुए प्रकरण का निस्तारण कराया गया। 50 हजार रुपये गृहकर जमा कराया गया। भेलूपुर जोन के जोनल अधिकारी जगदीश यादव व कर अधीक्षक विपिन उपाध्याय ने 11 भवन स्वामियों की आपत्ति दी निस्तारित की। 1.35 लाख रुपये गृहकर जमा कराया। वरुणापार जोन में चार आपत्तियां आई थीं। जोनल अधिकारी पीके द्विवेदी व कर अधीक्षक विनय कुमार ने निस्तारित करते हुए 80 हजार रुपये गृहकर जमा कराया।