कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिले के बाहुबली नेता अणुव्रत मंडल से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पता चला है कि बोलपुर के कालिकापुर में भोले बम नाम से जो राइस मिल सीबीआई को मिली है उससे चावल की आपूर्ति पश्चिम बंगाल सरकार को भी की जाती थी। राज्य सरकार के खाद्य प्रसंस्करण विभाग से इस मिल को भुगतान भी किया गया है जिसके बाद सीबीआई इसकी जांच में जुट गई है। पता चला है कि मवेशी तस्करी से हासिल होने वाली राशि के जरिए इस मिल को जबरदस्ती मालिक को मजबूर कर खरीदा गया था और उसके बाद से उसका इस्तेमाल काले धन को रखने, मवेशी तस्करी से होने वाली आय के बंटवारे और यहीं से बैठकर पूरे गिरोह के समन्वय के लिए होता रहा है।
सीबीआई के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, मंडल के दो चावल मिलों, ‘भोले बम राइस मिल’ और ‘शिव संभु राइस मिल’ को राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के साथ चावल खरीद के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
19 अगस्त को सीबीआई ने भोले बम राइस मिल और सोमवार सुबह शिव शंभू राइस मिल में छापेमारी की। इन दो चावल मिलों से जब्त किए गए विभिन्न दस्तावेजों से, अधिकारियों ने उल्लेख किया कि चावल की खरीद के खिलाफ राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से भुगतान के कुछ रिकॉर्ड मिले हैं। लेकिन राज्य सरकार के विभाग को चावल की आपूर्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। अणुव्रत मंडल के भतीजे, राजा घोष शिव शंभु चावल मिल का मालिक है।
इन दो चावल मिलों में प्रारंभिक जांच से, सीबीआई के अधिकारियों को स्थानीय लोगों ने कहा कि हालांकि इन दोनों चावल मिलों में उत्पादन प्रक्रिया लगभग एक साल से अधिक समय से बंद थी, लेकिन मिलों के कर्मचारी नियमित रूप से मिलों का दौरा करते थे।
केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ” सवाल यह है कि लंबे समय से उत्पादन प्रक्रिया बंद होने के बावजूद इन मिलों को खुला रखने का वास्तविक उद्देश्य क्या था।”
इस बीच, सीबीआई के अधिकारियों ने राज्य सरकार और इन दो चावल मिलों के बीच इस संबंध के बारे में बीरभूम के जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक के कार्यालय को कई प्रश्नों की सूची भेजी है।