कोलकाता । पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार को लेकर लगातार मुश्किलों का सामना कर रही राज्य सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के मामले में रिक्त पदों को लेकर राज्य सरकार की ओर से दिए गए तथ्यों में विषमता सामने आई है। इसे लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मंगलवार को न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की पीठ में मामले की सुनवाई हुई। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। पता चला है एक आरटीआई के जवाब में राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि 2020 में जो प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी उसके बाद छह हजार 24 रिक्त पद बचे हुए हैं जिस पर नियुक्तियां होनी हैं। जबकि नौ हजार 260 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। वहीं दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने हाईकोर्ट में जो अपनी रिपोर्ट दी है उसमें बताया है कि 2020 की नियुक्ति के बाद केवल एक हजार 114 रिक्त पद बचे हुए हैं। इसी विषमता को लेकर न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने आश्चर्य व्यक्त किया और राज्य सरकार से रिपोर्ट देने को कहा है।