कोलकात । मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किए गए बीरभूम के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल के हौसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से उनके समर्थन में बयान देने के बाद से सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि वह जांच में भी किसी भी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसकी बानगी मंगलवार को देखने को भी मिली है। उन्हें कोर्ट के आदेशानुसार चिकित्सकीय जांच के लिए अलीपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया था। वहां से वापसी के बाद जब वह निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर पहुंचे और सीबीआई की गाड़ी से उतरे तभी उन्हें मीडिया कर्मियों ने चारों ओर से घेर लिया। जांच में पता चला है कि उनकी बेटी सुकन्या के नाम कई संपत्तियां मिली हैं। इसी बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया तो अपनी बेटी का नाम सुनते ही वह पुराने अंदाज में गुस्सैल नजर आए और मीडिया के जो माइक सवाल का जवाब लेने के लिए उनके मुंह के पास लगाए गए थे उसे अपने हाथों से मोड़कर हटाते हुए कहा, “कुछ नहीं बोलूंगा।” इस दौरान उनके चेहरे की भाव भंगिमा भी उसी गुस्सैल अंदाज वाली थी जो पिछले एक दशक से उनके हिंसक बयानबाजी के दौरान मीडिया के कैमरों में कैद होती रही हैं। सीबीआई के एक सूत्र ने बताया है कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम से अणुव्रत की गिरफ्तारी का विरोध किया था और कहा था कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया ह। उसनो कोई अपराध नहीं किया है। इसके बाद से वह अधिकारियों के सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं और ना ही जांच में किसी तरह से सहयोग कर रहे हैं। पता चला है कि उनका बॉडीगार्ड सहगल हुसैन जो फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त में है वह अणुव्रत मंडल और गौ तस्करी गिरोह के मुख्य सरगना इनामुल हक के बीच सूत्रधार का काम करता था। उस बारे में उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है लेकिन अणु ने सीबीआई अधिकारियों को साफ कह दिया है कि वह कुछ नहीं जानते।