कैट ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्तमंत्रियों को पत्र भेजकर बिना ब्रांड के खाद्यान्न पर जींएसटी वापिस लेने की माँग की

 

आसनसोल(संवाददाता):कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़(कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष अग्रवाला ने बुधवार कोलकाता सारांश को बताया कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्तमंत्रियों को एक पत्र भेजकर माँग की है की बिना ब्रांड वाले खाद्यान्न एवं अन्य वस्तुओं पर 18 जुलाई से लगे 5 प्रतिशत जीएसटी कर को वापिस लिया जाए और इस हेतु जीएसटी काउन्सिल की एक आपात बैठक तुरंत बुला कर यह वापसी का फ़ैसला लिया जाए । कैट ने कहा है की देश की 85 प्रतिशत जनता बिना ब्रांड के सामान का इस्तेमाल करती है और इस पर टैक्स लगाने के निर्णय का देश भर में चारों तरफ़ से विरोध ही रहा है इसलिए जनता को गरीब मार से बचाने तथा छोटे व्यापारियों की कर पालना के बोझ से बचाने के लिए उस टैक्स के भार को हटाया जाए ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की आज देश के छोटे से छोटे क़स्बे अथवा गाँव में लूस सामान कहीं नहीं बिकता बल्कि छोटी से छोटी 100 ग्राम तक का सामान भी पैकिंग में ही बिकता है । इसलिए यह कहना बेमानी है की इस कर से लूस माल को मुक्त किया हुआ है । इसछूट का कोई औचित्य ही नहीं है । उन्होंने यह भी कहा की 25 किलो से ऊपर के माल को जीएसटी से मुक्त किया गया है । देश के छोटे व्यापारियों एवं आम जनता को भी इस छूट से कोई लाभ नहीं है क्योंकि आम तौर लोग 1 किलो से लेकर अधिकतम 10 किलो की पैकिंग का माल ही ख़रीदते हैं और इन पर 5% जीएसटी कर उनकी देना पड़ेगा । महंगाई के इस दौर में यह कर जनता पर दोहरी मार पड़ेगी ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने विपक्षी दलों द्वारा संसद में इस मुद्दे पर हंगामे को एक नाटक करार देते हुए कहा की जब जीएसटी काउन्सिल में यह मुद्दा आया तब क्या विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों को नहीं पता था की वो क्या निर्णय लेने जा रहे हैं । स्वयं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट किया है की जीएसटी काउन्सिल में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया । तो फिर विपक्षी दल किस मुँह से हंगामा कर रहे हैं । यदि वो वास्तव में चिंतित हैं तो उन्हें तुरंत जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग बुलाने के लिए पत्र देना चाहिए और उस मीटिंग में यह फ़ैसला वापिस लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह नहीं मोड़ सकता है । समय आने पर सबको इसका जवाब देना पड़ेगा ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने राजस्व के लालच में जीएसटी का मूल स्वरूप पूरी तरह बिगाड़ दिया है और वर्तमान में जीएसटी कर प्रणाली बेहद जटिल ही गई है जिसकी देश हित में सरल किया जाना बेहद ज़रूरी है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?