कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में बुधवार को रहस्यमय परिस्थितियों में छह लोगों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने दावा कि मलीपांचघड़ा इलाके में एक दुकान से देसी शराब पीने से छह की मौत हो गई जबकि कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं।
घटना के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बुधवार सुबह विरोध प्रदर्शन करते हुए एक स्थानीय शराब दुकान में तोड़फोड़ की। हालांकि पुलिस ने कहा कि वे मौत के कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।
इधर देसी शराब विक्रेता प्रताप कर्मकार को गिरफ्तार कर लिया गया है जो थाने से महज चंद कदम की दूरी पर रेलवे पटरी के करीब शराब की बिक्री करता था। यहां बहुत बड़ी संख्या में लोग शराब पीने के लिए एकत्रित होते थे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस से मिलजुल कर शराब की बिक्री होती थी।
हावड़ा शहर के पुलिस आयुक्त प्रवीण त्रिपाठी ने कहा, “आज सुबह छह लोगों की मौत हुई है। उनके शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता लगा पाएंगे।”
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पिछले एक महीने में उसी दुकान से शराब पीने के बाद आसपास के इलाकों में कुछ अन्य लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस को सूचित किए बिना उनके परिवारों द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
त्रिपाठी ने कहा, “हमें पहले ऐसे हुई मौतों की कोई जानकारी नहीं है और न ही ऐसी कोई शिकायत मिली है। इसके अलावा, हमें उस क्षेत्र में कोई ऐसी दुकान या ठिकाना नहीं मिला है, जहां से अवैध शराब बेची जा रही थी।”
इधर घटना के बाद सुबह के समय इलाके में सैकड़ों की संख्या में एकजुट हुई महिलाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और एक शराब दुकान में तोड़फोड़ की। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित महिलाओं के सामने पुलिस की एक ना चली। प्रदर्शन में शामिल एक महिला का वीडियो सामने आया है जिसमें वह कहती सुनी जा सकती है, “इसके पहले भी देसी शराब पीने से मौत हुई है लेकिन कभी भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।”
इसके पहले इस महीने की शुरुआत में पूर्व बर्दवान जिले में भी देसी शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गए थे लेकिन पुलिस ने शराब की वजह से मौत से इंकार कर दिया था।
पूर्व बर्दवान जिले के आबकारी अधिकारी कामनाशीष सेन ने कहा था,“आबकारी विभाग ने उस दुकान से शराब के नमूनों की जाँच की जहाँ से लोगों ने शराब का सेवन किया था। उन्हें कोई गड़बड़ी नहीं मिली। इसलिए शराब पीने से मौत के दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
पश्चिम बंगाल में देसी शराब पीने से हुई मौतों का सबसे बड़ा मामला दिसंबर 2011 में दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर सबडिवीजन अंतर्गत मागराहाट ब्लॉक के संग्रामपुर में सामने आया था। यहां देसी शराब (पाउच या हूच) पीने से 143 लोगों की मौत हो गई थी।