कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवासीय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर एक व्यक्ति के रॉड लेकर प्रवेश करने की घटना से राज्य सरकार स्तब्ध है। सावधानी बरतते हुए अब मुख्यमंत्री के आसपास आने-जाने वालों पर निगरानी और कड़ी करने तथा पाबंदियां बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को राज्य सचिवालय ने विशेष निर्देश दिया है जिसमें 14वीं मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दफ्तर में मोबाइल लेकर कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा। मुख्यमंत्री के आवास पर भी यही नियम लागू रहेगा। यहां तक कि काम करने वाले कर्मचारियों को भी मोबाइल रखने की अनुमति नहीं होगी। सूत्रों ने बताया है कि सोमवार को मुख्य सचिव की निगरानी में सीएम की सुरक्षा को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय ले लिया गया था। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात जिस दौरान घुसपैठ की घटना हुई थी उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा प्रभारी कोलकाता पुलिस के अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। एक इंस्पेक्टर, एक सर्जेंट, दो कांस्टेबल सहित 15 पुलिसकर्मियों को हटाया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास परिसर की चारदीवारी की ऊंचाई भी बढ़ाई जा रही है। बताया गया है कि सीएम से मिलने वालों को अपना नाम, पता और पहचान संबंधी दस्तावेज के बारे में एक रजिस्टर में जानकारी देनी होती थी लेकिन अब उसमें भी कमी नजर आई है जिसके बाद सीएम के पास जाने वालों के मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को एक बार फिर डीसी साउथ के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास का दौरा किया है जहां दीवार की बढ़ाई जा रही ऊंचाई का जायजा लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार और रविवार की दरमियानी रात मुख्यमंत्री के आवासीय परिसर में हफीजुल मोल्ला नाम का एक शख्स लोहे की रॉड कमीज के अंदर छिपाकर दीवार फांद कर घुस गया था। वह मुख्यमंत्री के कमरे के ठीक सामने रात भर खामोशी से इंतजार करता रहा था। सीएम की सुरक्षा में मौजूद अधिकारियों की जब शिफ्ट बदली और दूसरी टीम पहुंची तो उनकी नजर हफीजुल पर पड़ी थी। पुलिसकर्मियों को देखकर वह भागने लगा था जिसके बाद उसे रखेद कर धर दबोचा गया था। फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है।