कोलकाता, 28 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब यह खुलासा हुआ कि तृणमूल कांग्रेस की एक पार्षद के पास दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से जारी मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) हैं। बताया गया है कि दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर नगरपालिका के वार्ड नंबर सात की पार्षद नमिता सरदार का नाम एक साथ दो विधानसभा क्षेत्रों — बारुईपुर पश्चिम और कुलतली — की मतदाता सूचियों में दर्ज है।
दोनों विधानसभा क्षेत्र एक ही जिले में आते हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है। चुनावी नियमों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक समय में केवल एक विधानसभा क्षेत्र में ही मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। ऐसे में नमिता सरदार का दो स्थानों से नाम दर्ज होना न केवल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि यह चुनाव नियम अधिनियम 1950 के तहत दंडनीय अपराध भी माना जा सकता है।
मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस पर चुनावी हेराफेरी का आरोप लगाया है और कहा है कि यह “सिस्टम को अपने लाभ के लिए तोड़ने” की मिसाल है। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है। इसमें दोनों मतदाता सूचियों की प्रतियां और संबंधित दस्तावेज शामिल हैं।
गौरतलब है कि नमिता सरदार के पति बिभाष सरदार तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं और बारुईपुर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस वजह से मामला राजनीतिक रूप से और संवेदनशील हो गया है।
चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया है कि बंगाल में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू हो गया है। उसके पहले यह शिकायत मिली है जिसकी वजह से जो भी कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
