प्रवासी श्रमिकों के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने शुरू किया “श्रमश्री पोर्टल”

 

प्रवासी श्रमिकों को हर माह मिलेगी पांच हजार की आर्थिक मदद

कोलकाता, 1 सितंबर । पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार से “श्रमश्री पोर्टल” की शुरुआत की है। नवान्न में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने इसकी घोषणा की है । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर श्रम विभाग की इस पहल का उद्देश्य उन प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, जो कथित रूप से भाजपा-शासित राज्यों में उत्पीड़न या हमले का सामना कर वापस बंगाल लौटने को मजबूर हुए हैं।

श्रम मंत्री ने बताया कि 21 अगस्त से ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी और अब तक बीस हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। अब से ये आवेदन चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे। जिन्होंने ऑफलाइन आवेदन किया है, उन्हें भी किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले आवेदक पोर्टल के माध्यम से अपनी अर्जी की प्रगति आसानी से देख सकेंगे।

गौरतलब है कि राज्य सरकार कथित रूप से आरोप लगाता रहा है कि असम, महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान जैसे भाजपा-शासित राज्यों में बंगाल के श्रमिकों को केवल बंगाली भाषा बोलने पर “बांग्लादेशी” कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है। कई मामलों में झूठे आरोप लगाकर उन्हें हिरासत में भेजने तक की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे हालात में राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए कर्मसुरक्षा और आर्थिक सहारा सुनिश्चित करने हेतु इस योजना की शुरुआत की है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऐलान के अनुसार, श्रमश्री योजना में नाम दर्ज कराने वाले श्रमिकों को एक वर्ष तक हर पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, पोर्टल के जरिये एक एकीकृत डाटाबेस तैयार होगा, जिससे श्रमिकों को पहचान पत्र, स्वास्थ्य सुरक्षा, बीमा, शिक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना और आसान होगा।

श्रम विभाग ने बताया कि प्रत्येक जिले के ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि श्रमिक शीघ्र आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकें। विभाग का दावा है कि यह पोर्टल न केवल तत्काल आर्थिक मदद प्रदान करेगा बल्कि लंबे समय में श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?