प्रतिभाओं ने बढ़ाया शेखावाटी का मान: वासुदेव देवनानी

श्री शक्ति गोयनका ट्रस्ट का गोयनका रिकग्निशन सम्मान समारोह 2025

फतेहपुर शेखावाटी। फतेहपुर शेखावाटी में जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने वाले गुमनाम नायकों को शुक्रवार को गोयनका रिकग्निशन सम्मान समारोह में तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ सम्मानित किया गया। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यापार, समाज सेवा, कला, विज्ञान, खेल कूद, शिक्षा, साहित्य, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले गोयनका समाज के शूरवीरों को पुरस्कार प्रदान किए।


इस मौके पर वासुदेव देवनानी ने कहा कि गोयनका ट्रस्ट द्वारा आयोजित सम्मान की परम्परा से उन विभूतियों को पहचान मिल रही है जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देकर समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने है। यह सम्मान व्यक्तियों के साथ उनके मूल्यों का है। उन्होंने कहा कि सनातन है तो हम है और सनातन नहीं है तो हम भी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन्तता में भी जीवन है। विकृतियों का समाधान संस्कारों से होगा। समाज केवल ईमारतों और सडक़ों से ही नहीं बनता उसके लिए साथ ही मानवीय मूल्यों, सेवा और परम्पराएं भी जीवित रखने होते है। प्रारंभ में देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में पहुंचने पर देवनानी का विशाल फूल माला पहनाकर और शॉल ओढाकर अभिनन्दन किया गया।

गोयनका परिवार ने बढ़ाया शेखावाटी की धरा का मान: देवनानी ने कहा कि गोयनका परिवार ने शेखावाटी की धरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जन्म स्थली को कभी नहीं भूलना चाहिए। जो जड़ों से अलग जो जाते है, वे हरे-भरे नहीं रह पाते है। हम कहीं भी रहें यह राजस्थान हमारा है। व्यापार जीवन का अंग है। अपनी जन्म स्थली को सेवा के माध्यम से जब भी समय मिले उसके लिए कार्य करना चाहिए। यही हमारी संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी हैं। देवनानी ने कहा कि राजस्थान की इस धरा ने शौर्य की गाथाएं दी है, सन्तों की वाणी दी है और व्यापारियों को निष्ठा दी है। गोयनका परिवार ने शेखावाटी की इस धरा की समृद्ध परम्परा को आगे बढाया है। देवनानी ने गोयनका परिवार सहित पूरी आयोजन समिति का अभिनन्दन करते हुए कहा कि यह समारोह एक संस्कृति का उत्सव है। साथ ही यह गोयनका संगम पीढियों को जोडने वाला सेतु है। आने वाली पीढियों के लिए यह परम्परा प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत रहेगी। सेवा उद्यम और संस्कृति की इस परम्परा से सामाजिक सेवा और मानव कल्याण को नई दिशा मिलेगी।

इनका किया गया सम्मान:
सम्मानित होने वालों में दुबई और मेलबोर्न से आए प्रवासी भी शामिल हैं। इस अवसर पर के. जाजू, अभिषेक, बांके बिहारी, सीए मनोहर, सीए चिराग, डॉ. सूरज, ज्योति, सीएस कामना, मुस्कान, पवन, राजेंद्र, रबिंद्र, रवि, सुमित्रा, वंदना, वरुण, विपिन और सीए यश को गोयनका रिकग्निशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। सीकर निवासी 65 वर्षीय पवन कुमार गोयनका को समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष सम्मान से नवाजा गया। शक्ति गोयनका ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी सुशील गोयनका ने बताया कि इस वर्ष 11 से 72 आयु वर्ग तक के लोगों ने आवेदन किया था। चयन समिति ने सबसे योग्य प्रतिभागियों को चुना। समिति के चेयरमैन अरुण गोयनका ने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए आवेदन 31 जुलाई तक आमंत्रित किए गए थे।
देश-विदेश से पहुंचे जड़ों को सींचने:
उल्लेखनीय है कि फतेहपुर कस्बे में गोयनका संगम एवं हनुमान कथा महोत्सव में देश-विदेश से आए प्रवासियों का उत्साह देखते ही बनता था। प्रवासी गोयनका समाज के 500 से अधिक सदस्य कुलदेवी को नमन करने और अपनी जड़ों से जुडऩे के संकल्प के साथ संगम में शामिल हुए।
भाद्रपद अमावस्या के अवसर पर यहां हर साल भादो उत्सव मनाया जाता है। अलग-अलग गौत्र की देवी का पूजन करने के लिए सभी गौत्र के उद्योगपति परिवार सहित आयोजन में शामिल होते हैं। शुक्रवार को रात्रि जागरण हुआ। रात भर माता रानी का गुणगान किया गया। भाद्रपद अमावस्या शनिवार को विशाल भंडारे के साथ भादौ उत्सव का समापन होगा।

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