रानीगंज। रक्षाबंधन के पावन पर्व और विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रानीगंज एजुकेशन फॉर ऑल के संयुक्त तत्वावधान में एक अनोखा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी महिलाओं ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर आपसी स्नेह, सौहार्द और एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम में एजुकेशन फॉर ऑल के संस्थापक बाशुदेव गौशामी, स्थानीय महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग उत्साहपूर्वक शामिल हुए। पारंपरिक गीतों की मधुर धुन और मिठाइयों की मिठास के बीच रक्षाबंधन का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर बाशुदेव गौशामी ने बताया कि रक्षाबंधन और विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बाँकुड़ा जिले के सुदूर आदिवासी गाँव खेरोबाड़ी में भी एजुकेशन फॉर ऑल की ओर से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रक्षाबंधन के साथ अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से इस दिन को धूमधाम से मनाया गया। सभी छात्र-छात्राओं को कॉपी, पेन और ग्रामीणों को टिफिन प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समाज में आपसी विश्वास और प्रेम को मजबूत करने का माध्यम है। रानीगंज वासियों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि अगर समाज का हर वर्ग एक-दूसरे का साथ दे, तो हर दिन को “एकता का उत्सव” बनाया जा सकता है।