कोलकाता । सत्संग भवन में पधारे दण्डीस्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा राम राज्य, भारतीय राजनीतिक और सामाजिक दर्शन में एक आदर्श राज्य की अवधारणा है, जो न्याय, समानता, समृद्धि और खुशहाली पर आधारित है । सभी प्रेमपूर्वक रहते हैं और सभी को समान अधिकार प्राप्त होते हैं । राम राज्य में न्याय सर्वोपरि होता है । हरिद्वार से पधारे ब्रह्माश्रम जी महाराज ने कहा राम राज्य में धर्म का पालन किया जाता है, लोग सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं । राम राज्य में नैतिकता और सदाचार का पालन किया जाता है । देश के नागरिक एक-दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहते हैं । राम राज्य में राजा अपनी प्रजा के कल्याण के लिए समर्पित होता है । वह हमेशा अपनी प्रजा के जीवन में सुख एवम् शान्ति के लिए कार्य करता है । श्री माथुरवैश्य समाज, पूर्वांचल मंडल के अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता (कपूरवाले), पण्डित जय प्रकाश शास्त्री, सज्जन वर्मा, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय एवम् श्रद्धालु भक्तों ने स्वामी जी का स्वागत किया । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने श्रद्धालु भक्तों से दैनिक कथा – प्रवचन में उपस्थित रह कर पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।