हावड़ा । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज के सानिध्य में सेठ बंशीधर जालान स्मृति मन्दिर में श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण – रुक्मणि विवाह के प्रसंग में कन्हैया तेरी शादी में नाचेंगे आज ….. श्रद्धालुओं ने मंगल गीतों पर खूब नृत्य किया । स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज ने गोसंरक्षण, गोसंवर्द्धन की प्रेरणा दी । उन्होंने कहा कृष्ण का रुक्मणि से विवाह करने का निर्णय ईश्वरीय इच्छा से प्रेरित था । जहाँ राधा का प्रेम भक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं रुक्मणि का प्रेम मानवीय भावनाओं और आध्यात्मिक भक्ति के बीच संतुलन का प्रतीक है । द्वापर युग में भगवान भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि के विवाह की कहानी अनूठी है । रुक्मणि बिना देखे ही श्रीकृष्ण को चाहने लगी थी । जब रुक्मणि का विवाह शिशुपाल से तय हुआ तो कृष्ण रुक्मणि का हरण करके द्वारिका ले आए । विजय सिंह, अशोक मिश्रा, संदीप पोद्दार, धीरेन अग्रवाल, अनूप तोदी, विनोद सुरेका, विजय सिंह, दीपक गुप्ता, राजेश डालमिया, राकेश ओझा, रितेश केजरीवाल, राकेश सिंघानिया, मनोज अग्रवाल, दिलीप कानोड़िया, दीपक नोपानी, अरुण गोयल, पंचानंद ओझा, संजय बुराकिया, राजू खरकिया एवम् श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया ।