जामुड़िया। कुछ दिन पहले जो विद्यालय बच्चों के शोर से गुलज़ार रहता था आज वहाँ कोई छात्र नहीं आता।छात्रों ने अचानक स्कूल आना क्यों बंद कर दिया?जामुड़िया शिक्षा चक्र दो के चिचुड़िया ग्राम पंचायत अंतर्गत बेलडांगा आदिवासी प्राथमिक विद्यालय में एक नए शिक्षक ने कुछ दिनों पहले प्रधानाध्यापक का कार्यभार संभाला है।वही तब से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं, केवल इस कारण से कि स्कूल के नवनियुक्त प्रधानाध्यापक स्कूल प्रांगण में असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त है।इसलिए अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए वे कई दिनों से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।वही विद्यालय में विगत शुक्रवार से एक भी छात्र विद्यालय नहीं जा रहा है।इधर विद्यालय में मिड डे मील भी बंद पड़ा हुआ है।घटना के विषय में स्कूली छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि उन्हें पता था कि नवनियुक्त प्रधानाध्यापक इस स्कूल में नियुक्ति से पहले ही कई असामाजिक गतिविधियों में शामिल थे।इसलिए उन्हें स्कूल में नियुक्त करने से पहले ही अभिभावकों ने जामुड़िया प्रखंड विकास अधिकारी को लिखित रूप से सूचित किया था ताकि शिक्षक को इस स्कूल में नियुक्त न किया जाए लेकिन शिक्षक ने इसी महीने की 18 तारीख को स्कूल ज्वाइन किया।उसके बाद से ही अभिभावकों ने उस दिन से किसी भी छात्र को स्कूल नहीं भेजा है।बुधवार को पुनः अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने फिर से नवनियुक्त प्रधानाध्यापक का तबादला दूसरी जगह करने की मांग करते हुए एक हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन जामुड़िया प्रखंड विकास अधिकारी को सौंपा है।अभिभावकों ने कहा कि या तो इस स्कूल से नए प्रधान शिक्षक का तबादला किया जाए या फिर स्कूल के छात्रों को इसी स्कूल से टीसी दी जाए।हालांकि दूसरी ओर जिस नव नियुक्त प्रधानाध्यापक के खिलाफ यह शिकायत की गई थी, उन्होंने कहा कि अभी-अभी कुछ दिनों पहले इस स्कूल में कार्यभार संभाला है।वही इस विषय में अभिभावकों और शिक्षकों से बात करेंगे कि किस कारण से छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं।प्रधानाध्यापक ने दावा किया कि अभिभावकों और स्थानीय लोगों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही सभी शिकायतें गलत और झूठी हैं।उन्होंने कहा कि बिना पुष्टि किए किसी पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।इस विषय में पूछे जाने पर जामुड़िया प्रखंड विकास अधिकारी अरुणलोक घोष ने कहा कि मामले की जाँच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।