रानीगंज/ महिला टोटो चालक होना एक अनोखा और साहसिक कदम है, जो महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह महिला की आर्थिक स्थिति में सुधार करने और परिवार का भरण-पोषण करने में मदद कर सकता है। सुफेदा खातून अपने पति मुख्तार की दुर्घटना के पश्चात टोटो चलाने पर मजबूर हैं उनके पति गंभीर अवस्था में घर में रहते हैं अपने बच्चों और परिवार का भरण पोषण के लिए सुफेदा दिन भर टोटो चलाती है। मायका रानीगंज के बांसड़ा एवं ससुराल आसनसोल रेल पार में है।
महिला टोटो चालक बनकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही है और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। एवं बच्चों को पढ़ा रही है
महिला टोटो चालक होना एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को नए अवसर प्रदान करता है और उन्हें समाज में एक नई पहचान दिलाता है।
महिला टोटो चालक के रूप में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। रानीगंज की सुप्रसिद्ध महिला समाज सेविका अनीशा भुवालका दुबे एवं स्वीटी लोहिया ने बतलाया कि ऐसी कर्मठ महिला को सम्मानित किया जाएगा जो अपने बच्चों की पढ़ाई एवं बीमार पति के इलाज के लिए टोटो चला रही है। उन्होंने बताया कि समाज को भी महिला टोटो चालकों को समर्थन प्रदान करना चाहिए, जैसे कि उन्हें सम्मान और मान्यता देना। महिला टोटो चालक होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने में मदद करता है।