मानवाधिकार और लैंगिक समानता पर सेमिनार का आयोजन
आसनसोल:’लैंगिक न्याय हमारी संस्कृति के मूलाधार हैं। हमारा संविधान जहां समानता का अधिकार प्रदान करता है। उसमें यह व्यवस्था भी की गई है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए जा सकें ‘। मीडिया पर्सनैलिटी और इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा ने उक्त बातें बर्नपुर स्थित विजय पाल मेमोरियल बी एड कॉलेज में 21 वी सदी में मानवाधिकार व लैंगिक न्याय विषय पर सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कहीं। उन्होंने महिला अधिकार एवं मानवाधिकार महिलाओं के विकास से संबंधित कानूनों की चर्चा करते हुए कहा कि, ‘ हमारी महिलाएं समाज में समानता का दर्जा प्राप्त कर राष्ट्र की मुख्यधारा में सम्मिलित हो वे समाज में अपना सक्रिय योगदान दें।’ श्री सिन्हा ने आगे कहा कि ‘ अपने अधिकारों के प्रति हमेशा जागरूक रहें।सबसे पहले एक बेहतर इंसान बनें,तभी आप अच्छे शिक्षक,अच्छे चिकित्सक,अच्छे इंजीनियर बन पाएंगे।’
अधिवक्ता और वार्ड पार्षद बोला नाथ हेला ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए ह्यूमन राइट्स और लैंगिक समानता पर प्रकाश डाला।उन्होंने प्रॉक्सी एक्ट पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा, ‘ यह अधिनियम 2012 में लागू किया गया था, और इसका उद्देश्य 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और बाल पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से बचाना है।यह अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों से बचाता है, चाहे वह लड़का हो या लड़की।’ उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए।इस मौके पर इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स के बिशु मंडल,शुभम शर्मा,अमित सिंह आदि भी उपस्थित थे।सभी अतिथियों का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया गया।कॉलेज के कलाकारों ने उद्घाटन संगीत पेश किए।