वैदिक सनातन धर्म का उद्देश्य भारत के विकास, जनकल्याण के साथ विश्व शान्ति है – स्वामी विशोकानंद भारती महाराज

कोलकाता । निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज, राजगुरु बीकानेर ने सत्संग भवन में कहा वैदिक सनातन धर्म 5 सम्प्रदाय (विचारधारा), पंच तत्व जल, थल, वायु, आकाश, अग्नि सिद्धान्त पर आधारित है । भारत में हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिक्ख एवम् सभी नागरिक सनातन विचारधारा के साधक हैं । वैदिक सनातन धर्म का उद्देश्य भारत के विकास, जनकल्याण के साथ विश्व शान्ति है । सनातन धर्म की सभी विचारधाराओं को साथ लेकर राष्ट्रीय एकता के उद्देश्य से परस्पर सद्भावना के साथ मर्यादित आचरण करना चाहिये। गौ – गंगा, गायत्री के महत्व पर कहा 5 सम्प्रदाय का मूल मंत्र ॐकार है । स्वामी विशोकानंद भारती महाराज के श्रीमुख से गुरु गीता पर प्रवचन, कथा 27 जून तक सत्संग भवन में होगी । श्री माथुरवैश्य जनहित परिषद के उपाध्यक्ष सुरेश कौशल, माथुर वैश्य समाज (पूर्वांचल) के अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता (कपूरवाले), पण्डित दाऊ लाल ओझा, कथाकार धर्मेशानंद महाराज, मंगल भारती, जय प्रकाश पाण्डेय, गोपाल भोजक, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय एवम् श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया । अरुणा अग्रवाल ने गुरु वंदना के गीत से भाव विभोर किया । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने भक्तों से गुरु गीता प्रवचन श्रवण कर अक्षय पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *