बीकानेर की साहित्यिक परम्परा समृद्ध, युवा इसे बढ़ा रहे आगे

पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट और मुक्ति संस्था ने किया डाॅ. आचार्य का विशेष सम्मान
बीकानेर, (ओम दैया)। पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट तथा मुक्ति संस्था द्वारा सोमवार को होटल राजमहल में आयोजित कार्यक्रम में युवा साहित्यकार डाॅ. हरि शंकर आचार्य का विशेष सम्मान किया गया।
ट्रस्ट अध्यक्ष डाॅ. नरेश गोयल ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बीकानेर की समृद्ध साहित्यिक परम्परा रही है। यहां के लेखकों ने देशभर में बीकानेर का नाम गौरवान्वित किया है। युवाओं द्वारा यह परम्परा आगे बढ़ाई जा रही है। यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि डाॅ. आचार्य ने राजस्थानी और हिंदी गीत एवं कविता लेखन को नए आयाम दिए हैं। लेखन में इनकी प्रयोगधर्मिता इन्हें दूसरों से अलग स्थान दिलाती है। उन्होंने कहा कि आचार्य ने अपने गीतों में लोकपरम्पराओं और लोक रीतियों को भी भरपूर स्थान दिया है।
इस अवसर पर डाॅ. हरि शंकर आचार्य ने कहा कि पुस्तकें पढ़ने वालों की संख्या में दिनोदिन कमी आ रही है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें ही हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं। इनका स्थान कोई नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थाओं द्वारा किया गया सम्मान उनके लिए अविस्मरणीय है।
पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट के राजेश गोयल ने स्वागत उद्बोधन दिया। परवेश गोयल ने आभार जताया। लोकेश चूरा ने डाॅ. आचार्य के लिखे गीत ‘आओ गाथा आज सुणाऊं, थांने स्हैर बीकाणै री’ की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन संजय कोचर ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?