होटल अग्निकांड : होटल में कदम कदम पर थी लापरवाही, फायर अलार्म नहीं बजा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुले कई राज

कोलकाता, 01 मई ।कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में स्थित एक होटल में मंगलवार रात लगी भीषण आग में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस और अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने से हुई है, जबकि कुछ लोग आग में झुलस गए और एक व्यक्ति जान बचाने के लिए होटल से कूद पड़ा।

आर.जी. कर, एनआरएस और मेडिकल कॉलेज में किए गए पोस्टमॉर्टम से साफ हुआ है कि अधिकतर लोगों की मौत जहरीले धुएं के कारण हुई। कई मृतकों के शरीर में कार्बन जमा होने के प्रमाण मिले हैं, जिससे उनकी सांसें थम गईं। एक मृतक का शव सीढ़ियों पर मिली, जिसकी पहचान झुलसने से हुई मौत के रूप में हुई है। जबकि मेडिकल कॉलेज के शवगृह में जिनका पोस्टमॉर्टम हुआ, उसमें पाया गया कि वह एक ऊंचाई से गिरने के कारण मरा।
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होटल में नहीं थी सुरक्षा व्यवस्था, बंद थे खिड़कियां

अग्निशमन महानिदेशक रणबीर कुमार के अनुसार, होटल का अग्निशमन लाइसेंस तीन साल पहले ही समाप्त हो चुका था, जिसे फिर से नवीनीकृत नहीं किया गया। होटल में मौजूद फायर फाइटिंग उपकरण काम नहीं कर रहे थे। आग लगने के समय फायर अलार्म भी नहीं बजा। हद तो यह रही कि खिड़कियां बंद थीं और कुछ तो ईंट-सीमेंट से बंद कर दी गई थीं, जिससे धुआं बाहर निकल नहीं सका।
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झुलसे, दम घुटे और एक ने लगाई छलांग

मृतकों में बिहार, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और झारखंड के लोग शामिल हैं। मरने वालों में दो महिलाएं और दो बच्चे भी हैं। होटल में 88 मेहमान मौजूद थे और कुल  कमरे थे। होटल की चौथी मंजिल से आग शुरू हुई। दमकल की 10 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। घायल हुए 13 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिन्हें बाद में छुट्टी दे दी गई। दमकल और पुलिस की तत्परता से कई लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।

तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने घटना पर शोक जताया है। वहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन पूरी तरह दिघा में छुट्टी मनाने में लगा था, इसलिए यह हादसा हुआ और बाद में भी कोई तत्परता नहीं दिखाई गई।

कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा के अनुसार, मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय टीम बनाई गई है। होटल मैनेजर से पूछताछ की जा रही है। होटल के दोनों मालिक फरार हैं और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता व पश्चिम बंगाल फायर सर्विसेज़ एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

 

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