रानीगंज। रानीगंज मे सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब शहर के दो प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं, सुभाष स्वदेश भावना और अंजुमन-इमदाद-ए-वहिमी के संयुक्त तत्वावधान में सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भाव का संदेश देने के लिए एक शांति रैली का आयोजन किया गया।जिनका उद्देश्य था देश में बढ़ती नफरत के खिलाफ शांति और एकता का संदेश देना. इस रैली में दोनों ही संगठनों के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या मे सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया.यह रैली रानीगंज के तारबांग्ला से शुरू होकर शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण मार्गो से होते हुए नेताजी मूर्ति पर आकर समाप्त हुआ। रैली को देखते हुए प्रशासन की ओर सभी व्यवस्था की गई थी। रैली में शामिल रानीगंज थाना प्रभारी विकास दत्त ने संबोधन में कहा कि भारत हमेशा से शांति का देश रहा है और विशेषकर पश्चिम बंगाल में सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि पश्चिम बंगाल में आपसी भाईचारा अटूट बंधन की तरह है और किसी भी मुश्किल घड़ी में सभी धर्मो के लोग एक दूसरे के साथ खड़े रहते है।उन्होंने कहा कि देश संविधान के नियमों से चलता है और सभी इस महान संविधान का सम्मान करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। सुभाष स्वदेश भावना के अध्यक्ष गोपाल आचार्य ने इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ ऐसी देश विरोधी शक्तियां सक्रिय हैं, जो लोगों को आपस में बांटना चाहती हैं, लेकिन यह समझना होगा कि ऐसी ताकतें किसी विशेष धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं, बल्कि वे असामाजिक तत्व हैं। जो समाज को बाटने का काम करता है जिनसे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंता है जिनका कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने सभी से ऐसी देश विरोधी शक्तियों से बचने और उन्हें परास्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की रैलियां पूरे समाज को यह संदेश देती हैं कि सब एक हैं और इस एकता को कोई कमजोर नहीं कर सकता। उन्होंने अंत में इस बात पर जोर दिया कि हिंदू, मुसलमान या अन्य धर्मों के नाम पर नहीं बंटना चाहिए, बल्कि हमेशा यह याद रखना चाहिए कि एकमात्र पहचान भारतीय है। वही इस मौके पर अंजुमन इमदाद ए बहिमी के सचिव नदीम सब्बानी ने कहा कि आज के दौर में नफरत की जगह शांति और एकता का संदेश देना बहुत जरूरी है.उन्होंने यह भी कहा कि रानीगंज की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखना और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करना समय की आवश्यकता है. इस रैली को रानीगंज की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.