कोलकाता । पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में अल्पसंख्यकों के हिंसक प्रदर्शन, आगजनी तोड़फोड़ की घटनाओं की मीडिया कवरेज ममता सरकार को रास नहीं आई है। गृह विभाग की ओर से इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि मीडिया कवरेज में कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है जिसकी वजह से राज्य में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ने की आशंका है और यह सब कुछ सोच समझ कर किया जा रहा है। मीडिया चैनलों को चेतावनी देते हुए ममता सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की मीडिया कवरेज और डिबेट को तत्काल रोकना होगा। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक चुनाव अधिकारी ने ममता सरकार पर हमला बोला है और इस अधिसूचना को मीडिया की आजादी का हनन करार दिया है। नोटिफिकेशन की प्रति ट्विटर पर डालकर शुभेंदु अधिकारी ने लिखा है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने में विफल रही है और इसे लोगों के सामने ला रही मीडिया की आजादी के हनन के लिए तुगलकी फरमान जारी किया गया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अघोषित आपातकाल चल रहा है। सरकार की ओर से जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है वह पूरी तरह से प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने की कोशिश है। उन्होंने कहा है कि यह ममता सरकार की फासीवादी सोच को दर्शाता है और इसकी घोर निंदा की जा रही है।