एसो हे बोइशाख… विश्वभारती में परंपरागत तरीके से हुआ नववर्ष का स्वागत

 

कोलकाता, 15 अप्रैल । परंपरा के अनुसार, पश्चिम बंगाल के बोलपुर स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में मंगलवार को बंगाली नववर्ष ‘पोइला बोइशाख’ का भव्य आयोजन हुआ। सुबह से ही शांतिनिकेतन का कवि आश्रम ‘एसो हे बोइशाख, एसो एसो’ गीतों की मधुर स्वर-लहरियों से गूंज उठा।

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह पांच बजे गौर प्रांगण में ‘बैतालिक’ गायन से हुई। इसके बाद सुबह सात बजे उपासना गृह में सामूहिक प्रार्थना का आयोजन हुआ। सुबह नौ बजे माधवी वितान में सांस्कृतिक मंच सजा, जहां विभिन्न भवनों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुत किया। शाम को गौर प्रांगण में रवीन्द्रनाथ ठाकुर की नृत्यनाट्य ‘श्यामा’ का मंचन है।

इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रवीर कुमार घोष, जनसंपर्क अधिकारी अतिक घोष, विभिन्न भवनों के अध्यापक, और बर्दवान रेंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राणा मुखर्जी समेत अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।

पहले विश्वभारती में 25 बोइशाख को रवीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्मदिन ‘पोइला बोइशाख’ के साथ ही मनाया जाता था, क्योंकि भीषण गर्मी और जल संकट के कारण उस दिन विश्वविद्यालय बंद रहता था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, और अब पोइला बोइशाख को ही रवीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्मोत्सव आयोजित होता है।

राज्य भर में आज पोइला बोइशाख के उपलक्ष्य में उत्सव का माहौल रहा। स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ओर से नववर्ष शोभायात्रा निकाली गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अवसर पर अपने स्वरचित गीत के माध्यम से राज्यवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। वहीं, विपक्ष के नेता ने भी राज्य के लिए प्रार्थना की।

 

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