शुभेंदु का आरोप : विधानसभा में विधेयक को लेकर भी हुई हैं छप्पा वोटिंग, यह त्रुटि नहीं अपराध

 

हाई कोर्ट जाने की चेतावनी

कोलकाता । पश्चिम बंगाल विधानसभा में विश्वविद्यालय संशोधित अधिनियम की वोटिंग में हुई बड़ी त्रुटि को शुभेंदु अधिकारी ने जानबूझकर की गई छपा वोटिंग करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इसके लिए साजिश रचने और जानबूझकर विधानसभा में वोटिंग की ऐसी व्यवस्था रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्विटर पर एक के बाद एक चार ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि गलती आदमी से होती है लेकिन अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए जानबूझकर की गई गलती एक अपराध है। ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के रूप में पिछले 11 वर्षों में पश्चिम बंगाल विधानसभा में मतदान प्रणाली को उन्नत करने का कभी कोई प्रबंध नहीं किया या ऐसा इरादा उन्होंने नहीं दिखाया। भारत के सभी अन्य विधानसभाओं में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम है लेकिन समस्या यह है कि ममता बनर्जी हर तरह के चुनाव में छप्पा वोटिंग की पुरजोर समर्थक रही हैं। कल पश्चिम बंगाल विधानसभा में विश्वविद्यालय संशोधित विधेयक 2022 को पारित करने के लिए मतदान हुआ क्योंकि वह पश्चिम बंगाल में विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बनना चाहती हैं। शुरुआत में यह घोषित किया गया था कि केवल 40 विधायकों ने विपक्ष में वोटिंग की है जबकि बाद में पता चला कि 40 की जगह 55 विधायकों ने वोटिंग की है। उस समय सदन में भाजपा के 57 विधायक मौजूद थे। इस मतगणना प्रक्रिया के खिलाफ हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे।
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार किया है कि यह एक त्रुटि हुई है लेकिन मैं इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं ताकि यह पता लग सके कि वास्तव में क्या हुआ था।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में जब इस विधेयक को पारित करने के लिए पेश किया गया था तब तृणमूल कांग्रेस के 182 विधायक मौजूद थे। जबकि भाजपा के 57 विधायकों की उपस्थिति थी। नियमानुसार इस विधेयक के पक्ष में 182 और विपक्ष में 57 वोट होने चाहिए। लेकिन अध्यक्ष विमान बनर्जी ने जो परिणाम घोषित किया था उसमें पक्ष में तो 182 वोटिंग होने का दावा उन्होंने किया था लेकिन विपक्ष में केवल 40 लोगों के वोट की जानकारी दी गई। बाद में पता चला कि विपक्ष में 55 वोटिंग हुई है और पक्ष में केवल 167। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बाकी 15 विधायकों के वोट कहां गए? इसके अलावा भाजपा के बाकी दो विधायकों की वोटिंग का क्या हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को बताया है कि मतगणना में त्रुटि हुई है और उसकी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

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