
कोलकाता : अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से हिंदुस्तान क्लब में राजस्थानी भाषा साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें श्रीगंगानगर के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार डा मंगत बादल को
सीताराम रुंगटा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार एवं लूणकरसर के साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला को केदारनाथ भागीरथी देवी राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राजस्थान फाऊंडेशन जयपुर के आयुक्त डॉ मनीषा अरोडा समारोह की मुख्य अतिथि थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में प्रवासी राजस्थानियों व्दारा राजस्थान में निवेश करने के लिए विशेष कार्यक्रम की घोषणा की गई है।उसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होने कहा प्रवासी राजस्थानियों के हितों की रक्षा के लिए एक नया विभाग, प्रवासी राजस्थानी सम्मान, प्रवासियों के मुद्दों के लिए प्रत्येक जिला में अतिरिक्त जिला प्रशासक की नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्ति प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने राज्य में निवेश प्रोत्साहन नीति के विषय में भी विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर हर्ष प्रकट किया कि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन प्रवासी राजस्थानियों की देश में सबसे बड़ी संस्था है एवं उन्हें एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों के लिए सब प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

सर्वप्रथम अपने अध्यक्षीय संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा राजस्थानी भाषा प्रचार – प्रसार के लिए किया जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा की व्याकरण की एक पुस्तक सम्मेलन द्वारा निशुल्क वितरण की जा रही है। राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के विषय में सम्मेलन द्वारा गृह मंत्री को भी पत्र द्वारा अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि मान्यता तो आवश्यक है ही पर उस से भी अधिक महत्वपूर्ण है कि राजस्थानी भाषा का हम अपने घरों में अपने बच्चो के साथ एवं आपस मे प्रयोग करें। उन्होंने कहा की भाषा संस्कार संस्कृति और इतिहास की संवाहक होती है। अगर भाषा लुप्त होती है तो हमारे सैकड़ो वर्षों की संस्कृति लुप्त होने का खतरा मंडराता है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा के दो लाख शब्दों का शब्दकोश प्रकाशित हो चुका है, जोकि दर्शाता है कि यह भाषा एक समृद्ध भाषा है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस भाषा में विश्व की अन्य भाषाओं की तुलना में सबसे अधिक कहावतें और मुहावरों का संग्रह है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ हरिप्रसाद कनोडिया ने सम्मानित साहित्यकारों को बधाई दी एवं कहा कि सम्मेलन सदैव साहित्यकारों का सम्मान करता है एवं आगे भी करता रहेगा। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति गोविंद शारदा ने यह इस बात पर संतोष प्रकट किया कि प्रवासी राजस्थानी अपने माटी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने राजस्थान के संस्कार संस्कृति और भाषा को बचाने के लिए अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन व्दारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की एवं शुभकामनाएं दी।

साहित्यकार डॉ मंगत बादल ने कहा कि मैं अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा मिले सम्मान एवं स्नेह से अभिभूत हूं। इस तरह का सम्मान हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है।उन्होंने राजस्थानी भाषा में अपनी रचनाओं को सुनाया जिसे श्रोताओ ने सराहा। साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला ने उन्हे मिले सम्मान के प्रति अपना आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि कोलकाता के प्रवासी मरवाडी राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार एवं संरक्षण के लिए जो काम कर रहे है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को हमें बचा के रखना है और इसकी मान्यता के लिए हर संभव प्रयास करना है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि राजस्थानी सरकार प्रवासी मारवाडियों के साथ एक संवाद स्थापित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कोलकाता में एक बृहद सूचना केंद्र को आवश्यक बताया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह का सफल संचालन राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने किया। इस अवसर पर राजस्थान सूचना केंद्र कोलकाता के असिस्टेंट डायरेक्टर हिंगलाज दान रतनू एवं राजस्थान फाउंडेशन के अमित कुमार सिंघल, श्रीकुमार लाखोटिया विशेष रूप से समारोह में शिरकत की।

समारोह में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राम अवतार पोद्दार, संतोष सराफ, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मधुसूदन सिकरिया, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री रतन शाह, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता,राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री पवन कुमार जालान, वित्त उप समिति के चैयरमेन आत्माराम सोंथालिया, कुंज बिहारी अग्रवाल, नंदकिशोर अग्रवाल, राजेश सोंथालिया, अरुण कुमार गाड़ोदिया, अरुण प्रकाश मल्लावत, विश्वनाथ भुवालका, दीनदयाल धनानिया, राज बिजरानिया, बंशीधर शर्मा, नंदललाल सिंघानिया, जयप्रकाश सेठिया, शिवकुमार बगला, संजय बिनानी,अरुण कुमार सोनी आदि गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
