जीवन में नैतिक कर्तव्य का पालन करना धर्म है । — भागवताचार्य श्रीनिवास शर्मा श्रीजी

कोलकाता । भागवताचार्य श्रीनिवास शर्मा श्रीजी ने पी एस मैग्नम, वी आई पी रोड में श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ से कहा धर्मो रक्षति रक्षित : जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी धर्म भी रक्षा करता है । जीवन में नैतिक कर्तव्य का पालन करना धर्म है । भागवताचार्य श्रीजी ने ध्रुव चरित्र पर कहा ध्रुव का अर्थ है अटल, जो न हिले न डुले । उन्होंने कहा पुण्य-पूंज उदित होने की आशा में प्रभु की भक्ति निरन्तर करते रहना चाहिये । भगवान मिलेंगे, इस विश्वास, आस्था को ध्रुव ने अपनी साधना से साबित किया भगवान की भक्ति है शरणागति । भागवताचार्य श्रीजी ने कहा माँ के समान वात्सल्य के निधि भगवान हैं, भगवान की शरणागति होकर देखो, सारी जिम्मेदारी भगवान की हो गयी । सुशील अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रवि गोयल, श्रीबल्लभ दुजारी, समितेष अग्रवाल, चन्द्र प्रकाश गाड़ोदिया, ओम प्रकाश तोसावड़, एस के गांधी, आलोक पोद्दार, नारायण दास भट्टड़, विनोद तोषनीवाल, आलोक परसरामपुरिया, द्वारका डिडवानिया, कमल मल्ल, बिमल अग्रवाल, राजेश गर्ग, नीलू अग्रवाल, शशि अग्रवाल, अनिता दुजारी, सरोज अग्रवाल, मंजू कुलथिया, ममता अग्रवाल, रेखा सिंह, संजय पृथानी, सुचित्रा भानीरामका, संतोष तोसावड, मीनाक्षी चांदगोठिया एवम श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ का पूजन किया ।

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