कोलकाता : 26 नवम्बर, हिन्दी साहित्य परिषद के संरक्षक सूर्या सिन्हा के मार्गदर्शन और संस्थापक अध्यक्ष संजय शुक्ला के निर्देशन मेंं शरद साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन दो सत्र में सोल्लास संपन्न हुआ जिनकी अध्यक्षता क्रमशः लोकप्रिय कवि द्वय चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय “अनुरागी” और जय कुमार रुसवा ने किया।इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि छपते छपते समाचार पत्र के संस्थापक विश्वम्भर नेवर, प्रधान अतिथि पूर्व प्रधानाध्यापक राम पुकार सिंह “पुकार ग़ाज़ीपुरी” और विशिष्ट अतिथि डॉ. रेणु शर्मा एवं प्रख्यात ग़ज़लकार नंद लाल सेठ ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को और भी गौरवान्वित कर दिया।उत्तर प्रदेश से उपस्थित श्रेष्ठ काव्य मर्मज्ञ बहराइच के राम करण मिश्र सैलानी, अध्यक्ष और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं संस्था द्वारा शंखनाद के बाद नंदू बिहारी के शास्त्रोक्त मंत्रों से गणेश वंदना और रीमा पाण्डेय की मधुर सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।नंदू बिहारी के कुशल संयोजन में कार्यक्रम का कुशल संचालन क्रमशः मौसमी प्रसाद और वकील शायर शकील गोंडवी ने की। परिषद अध्यक्ष शुक्ला ने सभी अतिथियों और रचनाकारों का अभिनंदन करते हुए स्वागत वक्तव्य दिये।इस मौके पर मंचासीन सभी अतिथियों के करकमलों से परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार दूबे जी के दूसरे ग़ज़ल संग्रह “झरोखे यादों के” को लोकार्पित किया गया। तत्पश्चात मंच पर हिन्दी और उर्दू के रचनाओं की अविरल धारा बहती रही जिसमें सभी स्नान कर परमानन्द की प्राप्ति करते रहे।देश के विभिन्न प्रदेशों से पधारे 56 साहित्य साधकों ने अपने सरस काव्य छंदों एवं गजलों की त्रिवेणी बहाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर सराबोर कर दिया। जिनमें पंकज चतुर्वेदी – बहराइच, विश्वजीत शर्मा “सागर”, आदित्य त्रिपाठी, मंजू कुमारी इशरत,डॉ. राजन शर्मा, प्रदीप धानुक, वंदना पाठक, आरती भारती, ओम प्रकाश चौबे, कालिका प्रसाद उपाध्याय “अशेष”, अभिनंदन गुप्ता, गौरी शंकर दास, विकास ठाकुर, उमा शंकर पाण्डेय, प्रियंका चौरसिया, राम अवतार सिंह, रुपम महतो, प्रणीति ठाकुर, दीदार बस्तीवी, फलक सुल्तानपुरी, शकील अहमद शकील, मुसर्रत, मोइन, चोंच गायवी, अंजुम अजहर , उमा शंकर पाण्डेय, प्रियंका चौरसिया, प्रणीति ठाकुर आदि प्रमुख थे।आयोजन में उपस्थित अतिथियों सहित सभी वरदपुत्रों का सम्मान किया गया।अन्त में परिषद के राष्ट्रीय सलाहकार रामनारायण झा देहाती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
