कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीसरी बार सरकार गठन की पहली वर्ष पूर्ति के मौके पर राज्य भर में लोकतंत्र की बदहाली और चुनावी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को पूरे महानगर में बड़ी रैली निकाली है। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, राज्य महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल जैसे बड़े नेताओं के नेतृत्व में सुबोध मल्लिक स्क्वायर- एसएन बैनर्जी रोड होते हुए रैली निकाली गई है। पार्टी ने इस महारैली का नाम दिया है “लोकतंत्र स्थापना के लिए संकल्प रैली”। हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता ना केवल कोलकाता बल्कि हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना से महानगर में पहुंचे हैं। सियालदह, मौलाली, धर्मतल्ला, जादवपुर आदि क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं के टकराव की भी खबरें हैं। हालांकि बहुत अधिक टकराव नहीं हुआ जिसकी वजह से कार्यकर्ता मूल रैली स्थल तक पहुंचे हैं। सुबोध मल्लिक स्क्वायर के पास एकत्रित हुए सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की है। सांसद दिलीप घोष ने कहा कि आज ही के दिन हमारे कार्यकर्ताओं पर दिल दहलाने वाले अत्याचार हुए थे। सैकड़ों महिलाओं से दुष्कर्म हुआ था, अनगिनत घरों में आग लगा दी गई थी, 60 से अधिक कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसीलिए हम लोगों ने यह महारैली निकाली है। इस दिन को ना तो हम भूलेंगे ना ही किसी को भूलने देंगे।
उधर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पिछले साल दो मई को चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ता और उनके परिवार सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं की दिल दहलाने वाली हिंसा के शिकार लगातार होते रहे हैं। आगजनी, हत्या, दुष्कर्म के शिकार हुए अपने कार्यकर्ताओं के दर्द को जनता के समक्ष रखने के लिए रैली निकाली गई है।
इसके पहले सुबह के समय दिलीप घोष ने चुनावी हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं का तर्पण भी गंगा घाट पर किया जिसके बाद वह रैली में शामिल हुए। रविवार को ही पार्टी ने राज्य भर में चुनावी हिंसा को लेकर धर्मतल्ला, सेंट्रल एवेन्यू, गणेश चंद्र एवेन्यू, चांदनी चौक आदि महत्वपूर्ण चौराहों पर होर्डिंग भी लगा दिए थे। हालांकि पार्टी की ओर से राज्यभर में चुनावी हिंसा की एक प्रदर्शनी लगाने की योजना थी जिसे पुलिस ने अनुमति नहीं दी है।