आसनसोल । भारत सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत “एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस)” के बारे में जानकारी दी गई। एकीकृत पेंशन योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य कर्मचारी कल्याण के लिए एक व्यापक सुरक्षा प्रदान करना, सेवानिवृत्ति के समय उनकी वित्तीय स्थिरता, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है, जो 1 जनवरी, 2004 के बाद सरकारी सेवा में आने वाले सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांग है। उक्त बाते मंडल रेल प्रबंधक आसनसोल चेतनानंद सिंह ने पत्रकारों को दी। उन्होंने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला, जिनका विवरण नीचे दिया गया है। 1. सुनिश्चित पेंशन: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 फीसदी।न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक। 2. कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले का उसकी पेंशन का 60 फीसदी सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन।3. न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर प्रति माह 10000 रुपया की दर से सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन।4. मुद्रास्फीति सूचकांक: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर, सेवारत कर्मचारियों के मामले में औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत। 5. ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान।
सेवा के प्रत्येक पूर्ण किए गए छह माह के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि को मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां भाग। इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी। 6. कर्मचारी के अंशदान में वृद्धि नहीं होगी। सरकार यूपीएस को लागू करने के लिए अतिरिक्त अंशदान प्रदान करेगी। सरकारी अंशदान 14 फीसदी से बढ़ाकर 18.5 फीसदी किया जाएगा। 7. यूपीएस का क्रियान्वयन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। 8. यूपीएस 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। सहायता तंत्र और आवश्यक कानूनी, नियामक और लेखा परिवर्तन तैयार किए जाएंगे।9. यूपीएस कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा। मौजूदा और भावी कर्मचारियों के पास एनपीएस या यूपीएस में शामिल होने का विकल्प होगा। एक बार चुना गया विकल्प अंतिम होगा। उक्त प्रेस वार्ता में आसनसोल मंडल के नामित शाखा अधिकारीगण, ईस्टर्न रेलवे प्रमोटी ऑफिसर्स एसोसिएशन, ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस और ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के प्रतिनिधिगण भी मौजूद थे।
