कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है।
उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने टीएमसी नेता शाहजहां को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल के गृह सचिव को स्वत: संज्ञान मामले में पक्षकार के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया।
पुलिस को नहीं दिया गया कोई आदेश
सोमवार को इस मामले में चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि स्पष्ट रूप से कहें तो पुलिस को कोई ऐसा निर्देश नहीं दिया गया कि तृणमूल नेता शेख की गिरफ्तारी पर रोक है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने पुलिस को यह नहीं कहा था कि गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।
#WATCH | On TMC leader Sheikh Shahjahan, Basirhat SP HM Rehman says "We have got complaints against him. We are going through the complaints and will take action accordingly…We have filed an FIR against Sheikh Shahjahan…" pic.twitter.com/Mrit7tPdKx
— ANI (@ANI) February 26, 2024
अभिषेक बनर्जी के दावे पर हुई चर्चा
अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और बंगाल के दो मंत्रियों की टिप्पणी पर भी चर्चा की। सीजेआई ने अभिषेक बनर्जी के दावे को लेकर राज्य सरकार को फटकार भी लगाई। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार को अखबार में सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश देंगे, क्योंकि शाहजहां शेख लापता है।
अभिषेक बनर्जी ने कोर्ट पर किया था कटाक्ष
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और डायमंड हार्बर सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार (25 फरवरी) को संदेशखाली के फरार नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी में देरी के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार बताया था। दरअसल, उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि शाहजहां शेख को न्यायपालिका की ओर से संरक्षित किया जा रहा है, ताकि संदेशखाली सुर्खियों में बना रहे और जलता रहे।
पुलिस कर रही शिकायतों की जांच
टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर बशीरहाट के एसपी एचएम रहमान ने कहा, “हमें उनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं। हम शिकायतों की जांच कर रहे हैं और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। हमने शेख शाहजहां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।”