अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही मुस्लिम धार्मिक स्थलों में हिंदू मंदिरों के दावे लगातार बढ़ गए है।
बिते दिनों राजस्थान में अजमेर की सुप्रसिद्ध ख्वाज मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हिंदू मंदिर होने के दावों को लेकर अब मुस्लिम संगठनों ने आक्रोश जताया है।
मुस्लिम संगठनों ने आक्रोश जताते हुए धार्मिक भावना आहत करने का मुकदमा कराया दर्ज।
अजमेर में स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह मे हिंदू मंदिर होने के बयानों से मुस्लिम समाज के अलग-अलग संगठन काफी नाराज नजर आ रहे हैं।
इस मामले में अलग-अलग मुस्लिम संगठन के पदाधिकारियो ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर, दरगाह के विषय में धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की गई।
राजस्थान शेख अब्बासी (भिश्ती) अल्पसंख्यक महासभा अजमेर के संगठन अध्यक्ष शकील अब्बासी द्वारा हिंदू सकल दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता द्वारा दी गई बयान के वीडियो की क्लिपिंग और पेन ड्राइव जिला कलेक्टर को पत्र के साथ सौपी है।
संगठन अध्यक्ष शकील अब्बासी ने कहा कि सिमरन गुप्ता और पंकज द्वारा प्रेस को एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें सिमरन गुप्ता ने मुस्लिम धार्मिक भावनाएं आहत की है।
उसके द्वारा मुस्लिम व हिंदू धर्म के लोगों के बीच सौहार्द खराब करने का कार्य किया है। जिससे दो समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का कृत्य भी किया गया है।
अजमेर की दरगाह में हिंदू मंदिर होने के बयान के बाद दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी नसरुद्दीन चिश्ती ने भी अजमेर पुलिस को शिकायत दी है।
उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब के बारे में अर्नगल टिप्पणी से आहत है। उन्होंने शिकायत में मांग की है कि धार्मिक उन्माद, धार्मिक भावनाएं और हेट स्पीच से दोनों समुदाय के लोगों को भड़काने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे लोगों पर निष्पक्ष जांच कर नियम अनुसार कार्रवाई की जाए।
अंजुमन सैयद जादगान की बैठक में धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले बयान देने वाले सिमरन गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई।
अंजुमन की ओर से जिला कलेक्टर को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि आरोपियों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
इस मामले में तालिम रूहानियत कमेटी अंदर कोट के अध्यक्ष एसएम अकबर ने भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा है, वह हिंदू धर्म के लोगों का शिव मंदिर था। जिसे तोड़कर जन्नती दरवाजा बनाया गया है। दरगाह के पास अढ़ाई दिन का झोपड़ा है वह सरस्वती माता मंदिर था।
जिसे तोड़कर अढ़ाई दिन का झोपड़ा बना दिया गया । तारागढ़ का किला हमारे प्राचीन हिंदू राजाओं की धरोहर है । जिसे तोड़ कर जिहादियों ने अपना कब्जा कर लिया। इन सभी मांगों को लेकर एएसआई को अजमेर एडीएम सिटी के जरिए बीते दिनों ज्ञापन सौंपा था ।