अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह, मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी से अयोध्या रवाना

वाराणसी, 16 जनवरी । अयोध्या में जन्मस्थान पर रामलला के बने भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मंगलवार से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गया है। समारोह में भाग लेने के लिए काशी से मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित अपने तीन सहयोगियों के साथ अयोध्या के लिए गोलघर मैदागिन से रवाना हो गए।

अयोध्या जाने के पहले प्रदेश के पूर्व मंत्री और शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी और भाजपा पदाधिकारियों ने पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सम्मानित भी किया।

इस दौरान पंडित लक्ष्मीकांत ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि भगवान शिव की कृपा से मुझे उनके आराध्य देव भगवान राम के कार्य का अवसर मिला। प्रधान अर्चक के तौर पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों से काशी में ही रहता है।

मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के जेऊर निवासी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों पहले काशी में आकर बस गया। पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए थे। पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के परिजनों के अनुसार उनके पूर्वजों ने ही छत्रपति शिवजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था।

गौरतलब हो कि काशी के विद्वान ब्राम्हणों ने अयोध्या में सरयू में स्नान के बाद अनुष्ठान स्थल पर धार्मिक कार्य शुरू कर दिया है। धार्मिक अनुष्ठान का कार्यक्रम 21 जनवरी तक चलेगा। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा।

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