कोलकाता । चक्रवात मिचौंग के प्रभाव से पिछले पांच दिनों से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में रह रहकर बारिश हो रही है। बुधवार रात से दक्षिण चौबीस परगना के तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। गुरुवार को भी इसी तरह के हालात है। इसकी वजह से राज्य में बड़े पैमाने पर होने वाली धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। नामखाना, सागर, काकद्वीप, डायमंड हार्बर, कैनिंग, बसंती समेत दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इन इलाकों में खेतों में धान की फसल पक गई है इसलिए बारिश के बावजूद युद्धस्तर पर किसान धान की फसल काट रहे हैं ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
इस संबंध में सुब्रत पहाड़ी नामक किसान ने बताया, ””बारिश के कारण धान खेत में ही पड़ा हुआ है। बारिश के पानी से धान को नुकसान होता है। इसलिए, परिवार के सभी सदस्य जल्द से जल्द खेत से पके धान को इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं।”
आशंका है कि बारिश के पानी से धान खराब हो जायेगा और इससे बाजार में चावल की कीमत बढ़ जायेगी। किसान परिवार की महिला सदस्य कल्याणी मन्ना ने कहा, ””बारिश से धान को काफी नुकसान हुआ है। अगर बारिश में धान नहीं उठा सके तो ज्यादा नुकसान होगा। खेत का धान खेत में ही रह जायेगा। असमय बारिश के कारण सब्जी किसानों को भी नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मैं मिचौंग चक्रवात की वजह से लगातार बारिश का सिलसिला अभी और 24 घंटे तक जारी रहने वाला है जिसकी वजह से बंगाल में फसलों का नुकसान और अधिक बढ़ सकता है। चक्रवात के प्रभाव से चेन्नई और आंध्र प्रदेश में 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।