कन्याश्री दिवस पर ममता ने कहा : नंदीग्राम में हमने अनशन किया था, छुपकर नहीं खाते थे

 

कोलकाता, 14 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कन्याश्री दिवस के मौके पर संबोधन करते हुए एक बार फिर सिंगुर में अपने आंदोलन को याद किया। यहां वह लंबे समय तक धरने पर बैठी रही थीं। इसी का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि जब मैंने वहां अनशन किया तो लंबे समय तक भूखी बैठी रही। दूसरों की तरह छिपकर नहीं खाती थी।
दरअसल 2017 में तृणमूल छोड़ने के बाद सिंगुर आंदोलन में ममता के छाया संगी रहे मुकुल राय ने दावा किया था कि वह स्टेज के पीछे जाकर कैडबरी खाती थीं।

सिंगूर आंदोलन के दौरान अपनी भूख हड़ताल के संदर्भ में कन्याश्री दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “गुपचुप खाना-पीना हमारी आदत नहीं थी, जैसा कि अब किया जाता है।”

इस बीच कल स्वतंत्रता दिवस है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने एक बार फिर स्वतंत्रता आंदोलन में बंगाल की भूमिका को याद किया। उन्होंने कहा, ‘आजादी की लड़ाई बंगाल से शुरू हुई थी। अगर आप कभी अंडमान-निकोबार की सेल्युलर जेल में जाएं तो पाएंगे कि वहां 90 फीसदी नाम बंगाली हैं, बाकी पंजाबी हैं। इसलिए बंगाल को कोई धमका नहीं सकता।
बनर्जी ने कन्याश्री की सफलता के बारे में कहा, ‘कन्याश्री एक ब्रांड है। इस ब्रांड का नाम पूरी दुनिया में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। मेरा मानना ​​है कि एक दिन अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस होगा।’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कन्याश्री का लोगो भी उन्होंने ही बनाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कन्याश्री के गाने के बोल और धुन भी उन्होंने ही बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याश्री वर्तमान में आठवीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक विद्यालय स्तर पर पेश किया जा रहा है। कन्याश्री-2 11वीं और 12वीं कक्षा को दिया जाता है और कन्याश्री-3 कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्राओं को दिया जाता है। इसके अलावा ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड है।

बनर्जी ने कहा कि महिलाओं को और अधिक आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि लड़कियों के विकास के लिए कन्याश्री के अलावा सबुजसाथी और रूपश्री जैसी परियोजनाएं भी हैं। इस दिन कन्याश्री परियोजना में अच्छे कार्य के लिए विभिन्न जिलों के नोडल अधिकारियों को पुरस्कार प्रदान किये गये। इसके अलावा, कुछ अन्य लोगों को भी बाल विवाह रोकथाम, खेल सहित विशेष क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?