उत्तर भारत में बढ़ी आई फ्लू के मरीजों की संख्या

 आंख

लखनऊ । पिछले कुछ हफ्तों के दौरान उत्तर भारत में भारी बारिश के बीच कंजंक्टिवाइटिस और आई फ्लू के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। लखनऊ के सरकारी और निजी अस्पतालों में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। चिकित्सकों के अनुसार भारी बारिश के कारण वातावरण में नमी और तापमान में वृद्धि के कारण इसका प्रकोप और बढ़ गया है।

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के नेत्र विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.रचना अग्रवाल ने बताया कि ऑप्थैलोमोलॉजी ओपीडी में हर दिन कंजंक्टिवाइटिस के 10 से 12 मामले आ रहे हैं, जिसमें सुबह सूजी हुई पलकों के साथ आंखों में दर्द, पानी आना, चिपचिपाहट की शिकायत रहती है। अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण होते हैं और उपचार पर अच्छी प्रतिक्रिया होती है।

नेत्र विज्ञान विभाग से डॉ. अंकिता ऐश्वर्या ने कंजंक्टिवाइटिस के रोगियों से कंजंक्टिवल स्वैब एकत्र किए और उन्हें कारक एजेंट की पहचान और प्रकोप की सीमा का निर्धारण करने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वायरोलॉजी प्रयोगशाला में भेजा।

वायरोलॉजी यूनिट, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतुल गर्ग ने वायरल कल्चर और मल्टीप्लेक्स रियल टाइम पीसीआर की जांच की और वायरल कंजंक्टिवाइटिस के सभी सामान्य कारणों को कवर करते हुए एडेनो वायरस, एंटरो वायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स, वैरीसेला ज़ोस्टर, ह्यूमन हर्पीस वायरस-6 आदि 11 वायरस का परीक्षण किया।

बार-बार चेहरे और आंखों को छूने से परहेज करें

एसजीपीजीआई के नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विकास कनौजिया ने बार-बार हाथ धोने और अपने चेहरे और आंखों को छूने से परहेज करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि आंखों का वायरल संक्रमण अपने आप सीमित हो जाता है और व्यक्ति एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकता है। बहुत कम केस ऐसे होते हैं जिससे ठीक होने में देरी होती है। ‘ऐसे मामलों में, एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स के उपयोग की सलाह दी जाती है। ‘यदि लंबे समय तक आखों में लाली रहती है, तो विशेषज्ञ को अवश्य दिखायें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?