कोलकाता, 24 जुलाई । मालदा के पाकुआहट में जनजातीय समुदाय की जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटा गया था उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्हें जानबूझकर फर्जी मामले में फंसा कर गिरफ्तार किया गया है ताकि मामला ज्यादा ना फैले। थाना सूत्रों ने बताया है कि भारतीय जनता पार्टी के एक आंदोलन में दोनों महिलाएं शामिल थीं और थाने के आउटपोस्ट में कथित तौर पर तोड़फोड़ में भी शामिल रही हैं। हालांकि इससे संबंधित सीसीटीवी फुटेज या कोई अन्य दस्तावेज पुलिस की ओर से जारी नहीं किया गया है। दावा है कि गत 19 जुलाई को पाकुआहाट इलाके में चोरी के आरोप में इन दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटने के बाद पुलिस ने इन्हीं को गिरफ्तार कर लिया था। इन पर हमला करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पहले भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चोरी के मामले में महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इनको मारने पीटने वालों को बख्शा जा रहा है। अब सोमवार को पता चला है कि इस चोरी के मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। जिसके बावजूद इन महिलाओं के गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें लिखा है कि कुछ दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी की ओर से थाने के आउटपोस्ट के पास आंदोलन हुआ था। वहां तोड़फोड़ की गई थी। उसमें ये दोनों महिलाएं शामिल थीं। इसलिए उसी मामले में इनको गिरफ्तार किया गया है। हालांकि जनजातीय समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर बर्बर तरीके से पीटा गया है। उनकी माॉब लिंचिंग की कोशिश हुई, उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर जिला पुलिस सवालों के घेरे में है।
