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तृणमूल की राज्यसभा उम्मीदवारी में दिखी लोकसभा की छाया, तीन युवा और तीन पुराने चेहरों पर भरोसा - Kolkata Saransh News

तृणमूल की राज्यसभा उम्मीदवारी में दिखी लोकसभा की छाया, तीन युवा और तीन पुराने चेहरों पर भरोसा

 

कोलकाता, 10 जुलाई । पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव के समय से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में सबसे बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं। पार्टी की राजनीति या तो ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द या अभिषेक बनर्जी के इर्द-गिर्द घूमती है। 2021 के विधानसभा चुनाव के समय उसकी छाया देखने को मिली थी और अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी इसी की एक बानगी राज्यसभा चुनाव में दिख रही है। एक दिन पहले पार्टी ने राज्यसभा की छह सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें तीन नए और तीन पुराने चेहरों पर भरोसा किया गया है। पुराने चेहरों में डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु सेखर रॉय और डोला सेन हैं तो नए चेहरों में जलपाईगुड़ी जिले के तृणमूल अध्यक्ष प्रकाश टिक बराई, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले तथा महज 36 साल के सामाजिक कार्यकर्ता समिरुल इस्लाम है जो बीरभूम के रहने वाले हैं। यह तीनों अभिषेक बनर्जी के बेहद खास रहे हैं। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इन तीनों के नाम का सुझाव अभिषेक बनर्जी ने ही दिया था। कुछ पुराने नेताओं ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताने के संकेत दिए थे लेकिन अभिषेक बनर्जी के कहने के बाद फिर उस पर आगे कोई चर्चा ही नहीं हुई। तीन नए तथा तीन पुराने चेहरों को राज्यसभा में भेजने का निर्णय ले लिया गया। अब राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसी की झलक देखने को मिलेगी। इसके अलावा सुष्मिता देव और सांता छेत्री पार्टी के राज्यसभा सदस्य रहते हुए भी नेतृत्व और जमीनी राजनीति से कटे हुए थे। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ऐसे में जादवपुर से पार्टी की सांसद मिमी चक्रवर्ती और उत्तर 24 परगना के बसीरहाट से सांसद नुसरत जहां को भी भविष्य में टिकट नहीं देने के संकेत दे दिए गए हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि ऐसे सभी लोगों का टिकट 2024 में कट जाएगा जो जमीनी राजनीति से दूर विवादों में रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के अंदर के सूत्रों ने बताया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर मंथन पार्टी के अंदर खाने अभी से शुरू हो गया है। टिकट के लिए नेताओं को साधने का सिलसिला भी शुरू हुआ है।
अभिषेक बनर्जी की अपनी एक पूरी टीम काम कर रही है जो साफ-सुथरी छवि और मुखर राजनीतिक लड़ाई लड़ने वाले युवा चेहरों पर अधिक भरोसा जता रहे हैं। ऐसे में यह तय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी जिन लोगों को टिकट देगी उनमें आधे से अधिक नए और ऐसे चेहरे होंगे जो युवा और अभिषेक के खास रहने वाले हैं।

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