दी केरला स्टोरी पर प्रतिबंध को लेकर संस्कार भारती ने की निंदा, बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर भी उठाए सवाल

 

कोलकाता, 9 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विभिन्न सिनेमा हॉल में रिलीज हुई लव जिहाद पर बनी फिल्म दी केरला स्टोरी को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। उनके इस फैसले की निंदा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंधित सांस्कृतिक संगठन संस्कार भारती ने की है। संगठन के पश्चिम बंगाल क्षेत्र के महामंत्री तिलक सेनगुप्ता ने  कहा कि ममता बनर्जी ने एक खास समुदाय को खुश करने के लिए कला और बोलने की आजादी पर सीधा हस्तक्षेप किया है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की शर्मनाक राजनीति के लिए ममता ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर तानाशाही थोपा है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को छूट दी है। न्यायालयों ने भी तमाम सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि फिल्म ने किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बातें नहीं की गई है। इसे प्रतिबंधित करने के पीछे वास्तव में एक खास समुदाय को खुश करने की कोशिश है। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ बर्बरता और मजहबी अत्याचार को जायज ठहराने की कोशिश ममता ने की है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि छोटी-छोटी बातों पर कला और बोलने की आजादी को लेकर हंगामा करने वाले बुद्धिजीवी इस मामले पर चुप क्यों हैं? बंगाल के सुदीप्त सेन ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। इसके अलावा इसमें संगीत और कई अन्य हिस्से में बंगाल के लोगों और कलाकारों की भूमिका रही है। पूरे देश में इस फिल्म की सराहना हो रही है। ऐसे में बंगाल विरोधी सरकार ही इसे प्रतिबंधित कर सकती थी जो ममता ने किया है।

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