
रानीगंज। भारत के संविधान ने नागरिकता का अधिकार दिया है। देश की सरकार झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों पर बुलडोज़र चलाना चाहती है। झुग्गीवासी सड़कों पर अधिकारों के लिए संघर्ष को समझेंगे। अगर आवास, सदभावना और विकास के उद्देश्य से झुग्गीवासियों की आवाजाही बढ़ती है तो सभी को बचने का रास्ता नहीं मिलेगा। पश्चिम बर्दवान जिले में पश्चिम बंगाल बस्ती परिवहन समिति के चौथे अधिवेशन के अवसर पर आयोजित जनसभा को प्रदेश युवा नेता मीनाक्षी मुखर्जी ने संबोधित किया। शनिवार को सियारसोल में हुई इस रैली में संगठन के प्रदेश सचिव सुखरंजन दे, जिला अध्यक्ष सुजीत दत्ता, जिला सचिव महाव्रत कुंडूहित सहित अन्य मौजूद थे। कार्यक्रम कि अध्यक्षता सुजीत दत्ता ने की। मीनाक्षी मुखर्जी ने सियारसोल में उमड़ी सभा में कहा कि जो लोग इस देश के धन का आनंद लेते हैं, वह धन देश के गरीब मेहनतकश लोगों द्वारा बनाया जाता है जो झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, यह सरकार हमारे खून-पसीने से चलती है, लेकिन सरकार सबके सिर पर छत, सबके पेट में चावल, सबके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आमदनी की जिम्मेदारी क्यों नहीं लेती? झुग्गीवासियों ने मतदान किया और चावल, दवा और बीड़ी पर टैक्स चुकाया। वह सरकार गरीब जनता को निचोड़ रही है। केंद्र सरकार आसनसोल-दुर्गापुर-रानीगंज समेत देश की तमाम संपत्तियों और फैक्ट्रियों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि लालझंदर सरकार ने जहां झुग्गीवासियों के विकास के साथ-साथ नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की है, वहीं वर्तमान राज्य सरकार राज्य के 8600 सरकारी स्कूलों को बंद कर देगी. गरीब के बच्चे कैसे पढ़ेंगे? मौजूदा तृणमूल सरकार में शिक्षा से आपको नौकरी नहीं मिलती। केंद्र सरकार शिक्षा पर सांप्रदायिक हमला कर रही है। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर और पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिमाग पर कब्जा कर रहे हैं।राजनीतिक लाभ के लिए साम्प्रदायिकता का बड़े व्यवस्थित ढंग से लोगों में फूट डालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। विभिन्न प्रलोभन दिखाकर झुग्गीवासियों को हिंसा के कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें गरीब बच्चों के हाथ में लाठी, डंडा, शराब की बोतल थमा रही हैं. जीवन-धमकी देने वाली समस्याओं से पीड़ित लोगों को गलत समझना आसान है। प्रदेश सरकार अभूतपूर्व भ्रष्टाचार कर रही है। भाजपा ने तृणमूल पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं की लूट और चोरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। एक सौदिन का काम ठप्प, मजदूरी की चोरी सौ दिन शहर में कोई काम नहीं। सभी झुग्गीवासियों को राशन का सामान नहीं मिलता। असामान्य रूप से उच्च बाजार में गरीब लोग कैसे रहेंगे? केंद्र सरकार का सबके लिए आवास का वादा एक छलावा साबित हुआ है। राज्य सरकार के नेताओं ने चोरी की है। मलिन बस्तियों में रहने वालों के सिर पर छत नहीं है। रानीगंज की रेलवे की झुग्गियां, बराकर की मदरसा की झुग्गियां, दुर्गापुर की झुग्गियां बेदखल होने का खतरा मंडरा रहा है।झुग्गी वाले डटे हुए हैं। जीवन की सनक में यह समझना होगा कि कौन मित्र है और कौन शत्रु? गरीब लोगों के हक के लिए लड़नाभुगतान किया जाना चाहिए। जिला सचिव सुखरंजन डे ने कहा कि अनुपयोगी जमीन पर रहने वाले लोगों को केंद्र व राज्य पट्टा दें. केंद्र और राज दोनों सरकारें बड़े लोगों को दुलार रही हैं, झुग्गीवासियों के सामाजिक सम्मान के लिए संघर्ष जारी रहेगा. पश्चिम बंगाल स्लम डेवलपमेंट एसोसिएशन का जिला सम्मेलन रविवार को रानीगंज स्थित कोईला श्रमिक भवन में होगा।
