कोलकाता, 25 फरवरी। मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का प्रचार शनिवार शाम 5:30 बजे थम गया है। आगामी 27 फरवरी को यहां मतदान होना है। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और माकपा कांग्रेस गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। तृणमूल कांग्रेस ने यहां से स्थानीय नेता देवाशीष बनर्जी को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने दिलीप साहा को टिकट दिया है। माकपा और कांग्रेस में संयुक्त गठबंधन में बाइरन विश्वास को उम्मीदवार बनाया है जिन पर कई फर्जी मामले दाखिल करने का आरोप पुलिस पर लगे थे। इसीलिए एक दिन पहले ही सागरदिघी थाना प्रभारी अभिजीत सरकार को उनके पद से हटाकर मुख्यालय में चुनाव आयोग ने तबादला कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने क्षेत्र में प्रचार- प्रसार किया है जबकि भाजपा के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर लोगों से मतदान की अपील की है। दो मार्च को यहां मत गणना होंगे। वोटिंग के लिए कुल 246 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और प्रत्येक मतदान केंद्र की सीसीटीवी निगरानी की जाएगी। विपक्ष ने शांतिपूर्वक मतदान के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग ने राज्य बलों की निगरानी में चुनाव कराने का फैसला लिया है। आईएएस अधिकारी ई रविंद्रन को सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। जबकि ओम प्रकाश त्रिपाठी को पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इसके अलावा अतिरिक्त पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि थाना प्रभारी अभिजीत सरकार को 48 घंटे पहले हटाकर चुनाव आयोग केवल लोगों को गुमराह कर रहा है। असली साजिशकर्ता कोई और नहीं बल्कि पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडे है। उन्हें पद से हटाया जाना जरूरी है। बरहाल आयोग ने उनके आरोपों को तरजीह नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सुब्रत साहा जीते थे। लेकिन बाद में उनका निधन हो गया था जिसके बाद से विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था।