कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक की है। यहां उन्होंने मीडिया से खास बातचीत में अपनी संपत्ति में हुई बढ़ोतरी को लेकर सफाई दी। ममता ने कहा कि अगर कहीं भी मेरी संपत्ति अवैध है तो उस पर बुलडोजर चलाइए। उन्होंने कहा, “मैंने खुद ही अपने राज्य के मुख्य सचिव और भूमि सुधार विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि मेरे नाम पर जो संपत्ति है उसकी जांच करें। कहीं भी अगर अवैध निर्माण मिलता है तो उसे बुलडोजर से तोड़ने का आदेश भी दे चुकी हूं।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष मुझ पर आरोप लगा रहा है कि मैं सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण की हूं। लेकिन सच्चाई यह है कि मेरा जो घर है वह वास्तव में रानी रासमणि की संपत्ति है। मैं वहां ठेके पर पर प्रजा के तौर पर रह रही हूं। मेरी तो खुद की जमीन भी नहीं है। मेरी पारिवारिक संपत्ति की जांच की जा सकती है। मैंने साफ कर दिया है कि कहीं भी अगर जमीन कब्जा करने का प्रमाण मिलता है तो बुलडोजर से तोड़ दीजिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।”
ममता ने यह भी कहा, “मैं मुख्यमंत्री के तौर पर वेतन भी नहीं लेती हूं। सात बार सांसद रह चुकी हूं लेकिन पेंशन नहीं लेती हूं । मैं किताबे लिखती हूं, चित्र बनाती हूं और उसी से जो रॉयल्टी मिलती है उससे मेरा खर्च निकल जाता है। इसके अलावा मवेशी तस्करी मामले को लेकर भी एक बार फिर उन्होंने केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के जरिए राजनीतिक प्रतिहिंसा का रास्ता तैयार किया गया है। मैंने पहले ही कहा है कि समाज सेवा करने के लिए राजनीति में आई हूं। मैं इस तरह की ओछी राजनीति नहीं करती। मेरे खिलाफ ब्लैकमेल की राजनीति शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि मैं तो केवल 11 सालों से सत्ता में हूं। उसके पहले क्या हुआ? उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार के रास्ते मवेशियों को पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है। कोयला तस्करी और मवेशी तस्करी पूरी तरह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग कह रहे हैं कि सारे कोयले की तस्करी से हासिल होने वाला काला धन कालीघाट (मुख्यमंत्री आवास) जा रहा है। लेकिन किसके पास जा रहा है नाम बताइए ना। क्या मां काली के पास जा रहा है ?