ये पाकीजा घर हो जाये..

करण्डा -(ग़ाज़ीपुर) स्थानीय बी० आर० डी० पब्लिक स्कूल मेदनीपुर-करण्डा के प्रांगण में साहित्यिक, समाजसेवी तथा सांस्कृतिक संस्था ‘विविधा’ के तत्वाधान में एक भव्य कवि सम्मेलन तथा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में करण्डा, ग़ाज़ीपुर तथा मिर्ज़ापुर के कवि तथा कवयित्रीयों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत कवयित्री – सृष्टी प्रजापति ने सरस्वती वन्दना- विनती करूँ वाणी प्रखर, नवनीत दे वरदान में। मेरी कलम को स्नेह दे, माँ प्रीत दे वरदान में। रचना सुनाकर माँ विणापाणी सरस्वती से सृजन की याचना की। कवि राघव शर्मा ‘रमन’ ने कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान करते हुए कविता पढ़ी – तन भी ले लो मन भी लेलो, ये पाकीजा घर हो जाए। ऐसा प्यार करो मुझसे कि, मेरा प्यार अमर हो जाए।। कविता को सुनकर श्रोताओं की सात्विक तथा आध्यात्मिक प्रेम की तरफ ध्यानाकृष्ट किया। श्रोताओं से खूब वाहवाही लूटी।
इसी कड़ी में मिर्जापुर से पधारे कवि तथा साहित्यकार आनंद ‘अमित’ ने — सरहद पर सुत की कुर्बानी, दिखता माँ के दृग में पानी। चित्रों से थी याद पुरानी तड़पाती है, कविता खुद ही बन जाती है। उक्त देशभक्ति एवं ओज की रचना सुनाकर सोचने पर मजबूर कर दिया। कवि शिरोमणि सिंह प्रखर ने मानवता की पहचान को प्रतीकों के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए- कहा बिजली बल्बों से लटके हुए लोग, पहचान नहीं पाओगे दोस्त हैं या दुश्मन। पुरानी परंपराओं संस्कारों को कूदरतें हुए कवि – शिवकुमार गौतम ने रचना पड़ी – पाय लागी भइया, कईसन समाचार बाय- सुनाकर श्रोताओं को हंसने पर मजबूर कर दिया। मजाहिया कवि तथा शायर- अनु ‘दीवाना’ ने – आनंद जो मिलता, माँ गंगा के आंचल राहों में। चलता रहे दीवाना, ओढ़ के आंचल राहों में। इसी कड़ी में कार्यक्रम में उपस्थित शंकर देव दुबे, कमला पांडे, नागेंद्र विश्वकर्मा ‘वैद्य जी’ सिंहासन विश्वकर्मा तथा राजमोहन यादव ने अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ी कार्यक्रम देर तक चला। कार्यक्रम के बीच में मिर्जापुर से पधारे कवि आनंद ‘अमित’ तथा सृष्टि को ‘विविधा’ के सौजन्य से राघव शर्मा ‘रमन’ के हाथों सम्मानपत्र तथा अंगवस्त्रम देकर सम्मान किया गया। इसके साथ ही विद्या श्री प्रकाशन के आनन्द ‘अमित’ की तरफ से सभी कवियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर ऋषिकेश दुबे, पुष्कर सिंह, डॉ0 मुकेश यादव, श्रीकृष्ण शर्मा, रामसेवक बृजभान सिंह, संतोष विश्वकर्मा, डॉ0 अरविंद प्रजापति, हरिनारायण यादव, ओमप्रकाश राजभर, दयानंद सिंह, अमरदेव यादव, दयानंद कुशवाहा, राजेंद्र यादव, शुचि यादव, विक्रम, विवेकी आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता- शिरोमणि सिंह प्रखर तथा अध्यक्षता राघव शर्मा ‘रमन’ ने किया।

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