बीरभूम नरसंहार : अभी भी डर के साए में लोग, नहीं लौटे हैं गांव

 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत बगटुई गांव में 10 घरों में आगजनी कर कम से कम 10 लोगों को जिंदा जलाने की घटना में सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आगजनी की इस घटना का दहशत ऐसा था कि आज तक कई लोग गांव नहीं लौट पाए हैं। उन्होंने कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि राज्य सरकार को सभी लोगों को सुरक्षित वापस लौटाने का आदेश दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर अधिवक्ता फिरोज इडुलजी ने कोर्ट को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
सीबीआई के अधिवक्ता विलबदल भट्टाचार्य ने कोर्ट को बताया है कि केंद्रीय एजेंसी ने जांच पूरी कर ली है। चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है। फिरोज ने यह भी कहा कि मामले में एक नाबालिग युवक की संलिप्तता भी है और उसकी जमानत सुनिश्चित ना हो यह भी देखा जाना चाहिए।
राज्य की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने बताया कि आगजनी की घटना में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत और नए सिरे से घर बनाकर पलायन कर चुके लोगों को वापस लौटाने की व्यवस्था हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के मकानों की मरम्मत का काम अभी भी पूरा नहीं हो सका है। काम पूरा होने के बाद उन लोगों को वापस लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 21 मार्च की रात तृणमूल नेता भादु शेख की बमबारी कर हत्या के बाद सड़क उस पार मौजूद गांव में कम से कम 10 घरों में आगजनी कर दी गई थी जिसमें झुलसने की वजह से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था।

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