धर्म जीवन का अमृत है, श्रीमद्भागवत कथा गंगा के समान पवित्र, मोक्षदायिनी है । — परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा

कोलकाता । कृष्णम वंदे जगद्गुरुम् … जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी…भक्तिमय वातावरण में परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल द्वारा काकुड़गाछी में श्रीमद् भागवत कथा में गोवर्धन पर्वत धारण, कृष्ण – रुक्मणि विवाह एवम् विविध प्रसंग अपनी ओजस्वी, मधुर वाणी में सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर किया । भाईश्री ने कहा धर्म जीवन का अमृत है, श्रीमद्भागवत कथा गंगा के समान पवित्र, मोक्षदायिनी है । जीवन में भोजन के साथ भजन, सत्संग जरूरी है । श्रीमद्भागवत एवम् पौराणिक कथा सुन कर आत्मशुद्धि होती है । धन का सदुपयोग कर गोसंरक्षण, गोसंवर्द्धन की प्रेरणा देते हुए कहा श्रीकृष्ण लीला प्रेरणादायी है । भाईश्री ने श्रोताओं को वैदिक सनातन हिन्दू धर्म, संस्कृति, मातृ भाषा को जीवन में अपनाने की प्रेरणा देते हुए कहा मनीषी, महर्षि अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश करते हैं । श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का अथाह सागर है । भाई श्री ने कहा वेदों में मानवता का कल्याण निहित है । मानव जीवन ईश्वर प्रदत्त है । भगवान का नित्य स्मरण करने से मानव जीवन सार्थक है ।

भाईश्री ने दिल्ली में 10 नवम्बर को आतंकी घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कट्टरवाद की निन्दा की । उन्होंने कहा धर्म का उदारवादी दृष्टिकोण प्रेरणादायी है । कोरोना संक्रमण के समय भारत में मानवता की सेवा का कारण संस्कार, परोपकार की भावना है । धर्मानुरागी, समाजसेवी अशोक – अम्बिका बाजोरिया परिवार, बनवारीलाल सोती, सुरेन्द्र – अंजू अग्रवाल, श्याम सुन्दर अग्रवाल, जगमोहन बागला, राजेन्द्र प्रसाद पसारी, अरुण गर्ग, श्रवण अग्रवाल, प्रहलाद राय अग्रवाल, कुंज बिहारी अग्रवाल, नरेन्द्र अग्रवाल, दीपक बंका, अरुण वर्मा, बंशीलाल राठी, करुणा पोद्दार, शालिनी पोद्दार, नीला जालान, प्रकाश करनानी, प्रवीण मित्तल, अनिल चौधरी, पुरुषोत्तम परसरामपुरिया, निर्मल केडिया, आनन्द जैन, सौरभ बाजपेई एवम् पोथी यजमानों ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया तथा सामूहिक आरती में शामिल हुए ।

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