नित्य सत्संग, सत्कर्म से परम धाम का मार्ग प्रशस्त होता है — परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा

कोलकाता । गोविन्द बोलो, गोपाल बोलो, राधारमण हरिगोपाल बोलो … भक्तिमय वातावरण में परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल द्वारा काकुड़गाछी में श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण के प्राकट्य पर अपनी दिव्य, मधुर वाणी में कहा मथुरा में जन्म हुआ, लेकिन कृष्ण जन्म उत्सव गोकुल में मनाया गया । भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्रीकृष्ण के प्राकट्य पर कहा बाल कृष्ण को साक्षात् पाकर यशोदा मैया – नंद आनंदित हो गये । बाजे – बाजे रे बधाई मैया, तोरे अंगना … नंद के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की । भाईश्री ने कहा परमात्मा नित्य है, सभी प्राणियों में है, जीवन के प्रत्येक क्षण, कण – कण में है । नित्य सत्संग, सत्कर्म से परम धाम का मार्ग प्रशस्त होता है । वेदान्त के सिद्धांत, दर्शन शास्त्र को पौराणिक कथाओं में प्रस्तुत किया गया है । भाईश्री ने प्रेरक प्रवचन में कहा दूध से घी बनता है लेकिन दूध से दीपक नहीं जलता । घी को प्राप्त करने की विधि है । वेदान्त के घी से बनी जलेबी, लड्डू है श्रीमद्भागवत । मन मन्दिर की पवित्रता जरूरी है ।

भाईश्री ने कहा कृष्ण भक्तों के भाव, गोपियों के प्रेम से प्रसन्न होते हैं । गोपियों के कृष्ण प्रेम के संदर्भ में कहा गोपियां कृष्ण के कर – कमलों से बांसुरी वादन के लिये व्याकुल हो जाती है । श्रीमद्भागवत कथा, श्रीकृष्ण लीला श्रवण कर श्रोता भक्त का मन आनंदित हो जाता है । धर्मानुरागी, समाजसेवी अशोक – अम्बिका बाजोरिया परिवार, बनवारीलाल सोती, विश्वनाथ सेकसरिया, श्याम सुन्दर अग्रवाल, नरेन्द्र, सुरेन्द्र अग्रवाल, संतोष कुल्थिया, चांद रतन लखानी, एल के बियानी, निर्मल सराफ, विनोद जालान, बसन्त (झबरू) दुजारी, विकास चन्द चांडक, गोवर्धन मूंधड़ा, घनश्याम पुगलिया एवम् पोथी यजमानों ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया तथा सामूहिक आरती में शामिल हुए ।

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